UPPCL भविष्य निधि मामले में ईओडब्लू ने की सात लोगों की गिरफ्तारी

Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Dec, 2019 09:00 AM

uppcl arrested 7 people in provident fund case

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि0(यूपीपीसीएल)की सामान्य भविष्य निधि एवं अंशदान भविष्य निधि के डीएचएफएल मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्लू)की टीम ने आज सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि0(यूपीपीसीएल)की सामान्य भविष्य निधि एवं अंशदान भविष्य निधि के डीएचएफएल मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्लू)की टीम ने आज सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में हतरतगंज थाने में दर्ज मामले में विवेचना में प्रकाश में आयो सात आरोपियों में अमित प्रकाश, मनोज कुमार अग्रवाल, विकास चावला, संजय कुमार, श्याम अग्रवाल, अरुण जैन व पंकज गिरी उफर् नीशु की गिरफ्तारी आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन द्वारा आज की गयी है।  

राज्य सरकार के प्रवक्ता नेे यह जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में अमित प्रकाश डीएचएफएल की लखनऊ ब्रांच के तत्कालीन रीजनल सेल्स मैनेजर थे। विभिन्न तथाकथित फर्मों एवं व्यक्तियों को ब्रोकर/ब्रोकरेज फर्म के रूप में रजिस्टडर् कराने में इनकी भूमिका थी। इनके द्वारा आरोपी पी के गुप्ता एवं उसके पुत्र अभिनव गुप्ता से आपराधिक सांठगांठ कर विभिन्न फर्मों/व्यक्तियों को ब्रोकरेज की धनराशि प्राप्त करने में मदद की गयी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार मनोज कुमार अग्रवाल द्वारा अपनी दो फर्मों के माध्यम से ब्रोकरेज की धनराशि प्राप्त की गयी। इनमें से एक फर्म द्वारा डीएचएफएल से सीधे ब्रोकरेज प्राप्त की गई तथा दूसरी फर्म में पी के गुप्ता के पुत्र अभिनव गुप्ता एवं उसके सहयोगी आशीष चौधरी द्वारा प्रचलित अल्पाइन ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से धन प्राप्त किया गया। यह ब्रोकर का कार्य नहीं करते थे। इन्होंने इस धन को प्राप्त कराने के लिए अपनी फर्म को ब्रोकरेज फर्म के रूप में रजिस्टडर् कराकर आपराधिक साजिश के तहत अवैध लाभ प्राप्त किया।       

प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार विकास चावला द्वारा अपने चाटर्डर् एकाउन्टेंट श्याम अग्रवाल के साथ आपराधिक षड़यंत्र कर अपनी फर्म के माध्यम से लगभग 4.12 करोड़ रुपये का ब्रोकरेज प्राप्त किया गया। यह ब्रोकरेज इन्हें डीएचएफएल से सीधे प्राप्त हुआ है। यह ब्रोकर का कार्य नहीं करते थे। इन्होंने इस धन को प्राप्त कराने के लिए अपनी फर्म को ब्रोकरेज फर्म के रूप में रजिस्टडर् कराकर आपराधिक साजिश के तहत अवैध लाभ प्राप्त किया। गिरफ्तार संजय कुमार की विवेचना के क्रम में यह पाया गया कि एक फर्म के द्वारा डीएचएफएल से सीधे एवं अल्पाइन ब्रोकरेज कंपनी के माध्यम से अलग-अलग करोड़ रुपये में धन प्राप्त किया गया।

उन्होंने बताया कि यह फर्म जिस आदमी के नाम से वर्तमान में रजिस्टडर् दिखायी गई है वह वास्तव में संजय कुमार की थी। इस फर्म को प्रारंभ में इनके द्वारा अपने कुछ रिश्तेदारों व अपने चाटर्डर् एकाउन्टेंट श्याम अग्रवाल की पत्नी एवं उसके पाटर्नर की पत्नी के नाम से रजिस्टडर् कराया गया था। इनकी फर्म द्वारा सीधे ब्रोकरेज डीएचएफएल एवं अल्पाइन ब्रोकरेज के माध्यम से प्राप्त किया गया है। गिरफ्तार श्याम अग्रवाल पेशे से चाटर्डर् एकाउन्टेंट है। इनके द्वारा अनेक तथाकथित कंपनियों में डीएचएफएल एवं अल्पाइन ब्रोकरेज के माध्यम से ब्रोकरेज की धनराशि स्थानान्तरित कराई गयी। इनके द्वारा स्वयं अपनी पत्नी को एक फर्म में पाटर्नर के रूप में रजिस्टडर् कराकर अवैध लाभ प्राप्त किया गया। इनके माध्यम से 07 विभिन्न कंपनियों/व्यक्तियों को ब्रोकरेज की राशि प्राप्त हुई।       

प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार अरुण जैन द्वारा 06 विभिन्न फर्मों में चाटर्डर् एकाउन्टेंट श्याम अग्रवाल से मिलकर ब्रोकरेज की धनराशि 06 फर्मों में डाइवटर् कराई गयी। इनमें से अनेक फर्म फर्जी पायी जा रही है, जिसके संबंध में अग्रिम विवेचना जारी है। गिरफ्तार पंकज गिरि उफर् नीशु द्वारा अरुण जैन एवं श्याम अग्रवाल के साथ मिलकर एक छद्म नाम से कंपनी खोलकर करोड़ों रुपये की धनराशि सीधे डीएचएफएल से प्राप्त की गयी। वर्तमान में विवेचना प्रचलित है।

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