Edited By Pooja Gill,Updated: 15 Jun, 2024 11:18 AM
UP IPS Transfer: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद उत्तर प्रदेश में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार एक्शन मोड पर है। शुक्रवार को शासन ने 2 IPS अफसरों का तबादला कर दिया है...
UP IPS Transfer: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद उत्तर प्रदेश में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार एक्शन मोड पर है। शुक्रवार को शासन ने 2 IPS अफसरों का तबादला कर दिया है। इन अधिकारियों की तैनाती प्रयागराज में की गई है। यह अधिकारी कुंभ मेला 2025 की तैयारियों को देखेंगे। जल्द ही यह अधिकारी अपना नया कार्यभार संभालेंगे।
इन अधिकारियों का हुआ तबादला
योगी सरकार ने कुंभ मेले की तैयारियों को देखते हुए IPS अधिकारी राहुल राज का ट्रांसफर कर दिया है। उन्हें डीआईजी रेलवे प्रयागराज की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, IPS अफसर राजीव नारायण मिश्र प्रयागराज डीआईजी पीएसी बनाए गए हैं।
इन अधिकारियों का भी हो चुका ट्रांसफर
इससे पहले योगी सरकार ने विशेष सचिव नियुक्ति धनंजय शुक्ला को अपर आयुक्त राज्यकर बनाया गया है। विशेष सचिव खनन विजय कुमार को विशेष सचिव नियुक्ति का भी पदभार सौंपा गया है। विजय कुमार के पास अब तक नियुक्ति का अतिरिक्त प्रभार था। डॉ. मन्नान अख्तर को विशेष सचिव खनन बनाया गया है। वहीं, साल 1995 बैच के आईएएस अधिकारी मो. मुस्तफा ने राज्य सरकार से वीआरएस मांगा है। मो. मुस्तफा सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो के महानिदेशक पद पर कार्यरत हैं। वहीं, पीसीएस अधिकारी गाजियाबाद के अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) शैलेन्द्र कुमार भाटिया अब यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के विशेष कार्याधिकारी बनाए गए हैं।
यह भी पढ़ेंः आज जमीन पर उतरेगी BJP की 'स्पेशल 40' टीम, लोकसभा चुनाव में हार के कारणों की करेगी पड़ताल
लोकसभा चुनाव में यूपी से मिली बीजेपी को करारी हार ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की टेंशन बढ़ा दी है। इसे लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने राजधानी लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस दौरान पार्टी के गिरते ग्राफ के कारणों पर मंथन किया। आज यानी शनिवार को हारी हुई सीटों पर कारणों की तलाश के लिए बीजेपी की ‘स्पेशल 40’ टीम जमीन पर उतरेगी। यह टीम हर लोकसभा क्षेत्र में जाकर ब्लाक स्तर से लेकर विधायकों, पूर्व विधायकों के साथ जिला संगठन से बात करके हार के कारण पता लगाएगी।