योगी मंत्रिमंडल का अहम फैसला, किसानों से 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करेगी UP सरकार

Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 Sep, 2018 08:36 PM

up government to procure 50 lakh metric tonnes of paddy from farmers

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने खरीफ सत्र के दौरान नई धान खरीद नीति के तहत किसानों से 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह भी निर्णय लिया...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने खरीफ सत्र के दौरान नई धान खरीद नीति के तहत किसानों से 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अगले साल इलाहाबाद में आयोजित कुंभ मेला क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जाएगा।

सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि मंत्रिमंडल में नई धान नीति को मंजूरी दी गई जिसके तहत सामान्य किस्म का धान 1750 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा जबकि ए ग्रेड का धान 20 रुपए अधिक बढ़ी हुई कीमत यानी 1770 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सरकारी क्रय केन्द्रों पर खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने खरीफ सत्र के दौरान 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जो पिछले साल की तुलना में 5 लाख मीट्रिक टन अधिक है। अगली 1 अक्टूबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और तराई क्षेत्रों में क्रय केन्द्र काम करना शुरू कर देंगे जबकि पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश में इन केन्द्रों की शुरूआत एक नवम्बर से की जाएगी।

शर्मा ने कहा कि किसानों से उनकी उत्पाद खरीद का भुगतान आनलाइन किया जाएगा। आरटीजीएस के माध्यम से फसल का पैसा 72 घंटों के भीतर किसान के खाते में भेज दिया जाएगा। अगर मिले खरीद के एक महीने के भीतर चावल तैयार कर लेती है तो उन्हे 20 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी लेकिन अगर कोई मिल इस काम मे डेढ माह से अधिक का समय लगाती है तो उससे एक रुपए प्रति क्विंटल की दर से जुर्माना वसूला जाएगा।

मंत्रिमंडल के एक और अहम फैसले के अनुसार कुंभ मेला क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) रखने के लिए मेला क्षेत्र में 1 लाख 22 हजार शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा। इसमें से कुछ शौचालय सैप्टिक टैंक से युक्त होंगे। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन 43 हजार 500 शौचालयों का निर्माण कराएगा जबकि बचे हुए शौचालयों के निर्माण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इस परियोजना में 252. 85 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उन्होने कहा कि मेला क्षेत्र की साफ सफाई का जिम्मा 11 हजार 400 सफाई कर्मचारियों के हाथों में होगा।

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