यूपी उपचुनाव 2020: मल्हनी सीट पर कांटे की टक्कर, त्रिकोणीय संघर्ष के आसार

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 31 Oct, 2020 05:56 PM

up by election 2020 malhani s thunder clash triangular conflict

समाजवादी पार्टी (सपा) की परंपरागत सीट के रूप में शुमार मल्हनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष के प्रबल आसार हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बार सपा से मल्हनी सीट छीनने के लिए अपने मंत्रियों व विधायकों की जिम्मेदारी तय...

जौनपुरः समाजवादी पार्टी (सपा) की परंपरागत सीट के रूप में शुमार मल्हनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष के प्रबल आसार हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बार सपा से मल्हनी सीट छीनने के लिए अपने मंत्रियों व विधायकों की जिम्मेदारी तय करने के साथ ही स्टार प्रचारकों की पूरी फौज उतार दी है। खास बात तो यह है कि इस अभियान की अगुवाई खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। वे चुनाव तिथि घोषित होने के दो दिन पहले आकर कार्यकर्ताओं से अपनी मंशा जाहिर भी कर चुके हैं। इसके बाद वर्चुअल बैठक में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं से यहां की प्रगति की जानकारी ली और अब एक बार फिर अंतिम दौर में प्रचार कार्य को परवान चढ़ाने के लिए 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुन: आये हैं।

मल्हनी सीट पर हो रहे उपचुनाव में यहां सरकार के कई मंत्रियों ने जहां डेरा डाल रखा है, वहीं दोनों उप मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद आदि भी आकर जनसभा के जरिए भाजपा प्रत्याशी मनोज सिंह के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर चुके हैं। वहीं सपा प्रत्याशी लकी यादव के पक्ष में स्टार प्रचारकों की बात की जाए तो वह प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व शाहगंज विधायक ललई यादव तक ही अभी सीमित हैं। यहां कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आगमन की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि प्रचार के लिए अब एक दिन का ही समय शेष बचा है।

इसी तरह बसपा प्रत्याशी जयप्रकाश दुबे पार्टी के परंपरागत मतदाताओं व स्वजातीय वोटरों को लामबंद करने के प्रयास में सतीश चंद्र मिश्र व प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली का कार्यक्रम करा चुके हैं, लेकिन अभी राज्यसभा के चुनाव के दौरान अपने विधायकों की बगावत के बाद पार्टी मुखिया मायावती ने सपा को सबक सिखाने के लिए भाजपा को तवज्जो देने की बात कही है। उसका असर यहां के चुनाव पर भी पड़ने के आसार नजर आने लगे हैं। भाजपा के लोग बसपा के परंपरागत मतों के बीच जाकर यह बताने लगे हैं कि बसपा मुखिया भाजपा के साथ हैं। ऐसे में आप भी भाजपा का साथ दें। ऐसे में यह परिस्थिति अब बसपा प्रत्याशी के लिए नुकसानदेय साबित हो सकती है।

उधर, अपने समर्थकों की अच्छी खासी तादाद के साथ पूर्व सांसद व निर्दलीय उम्मीदवार धनंजय सिंह प्रचार अभियान को नित नई धार देते नजर आ रहे हैं। रारी क्षेत्र (मल्हनी से पूर्व का नाम) से निर्दल के रूप में जंग जीत चुके धनंजय सिंह इस बार भी कांटे की टक्कर में मुकाबला त्रिकोणीय बनाते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी राकेश मिश्र मंगला के समर्थन में बड़े नेताओं में शुमार प्रमोद तिवारी का प्रयास कितना रंग ला सकेगा यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल सकेगा।

गौरतलब है कि नए परिसीमन के बाद 2012 में सृजित इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक दो बार आम चुनाव हुए हैं। दोनों बार सपा के कद्दावर नेता रहे पारसनाथ यादव ने बड़े अंतर से जीत हासिल किया था। उनके निधन के बाद उपचुनाव की नौबत आई तो सपा ने बिना देर किए उनके बेटे लकी यादव को मैदान में उतार दिया। मल्हनी विधानसभा की सीट पर 16 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। यहां कुल 3,65,013 मतदाता है जिसमें 1,74,431 महिलाए, 1,90,563 पुरूष तथा 19 अन्य मतदाताहैं । यहां पर तीन नवंबर को सुबह 7:00 बजेे से शाम 6:00 बजे तक मतदान होगा मतदान की पूरी तैयारी कर ली गई है गई है।

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!