UP विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार, जातीय समीकरणों के मद्देनजर मंत्रिमंडल में हो सकता है विस्तार

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 11 Jun, 2021 08:20 PM

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उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी की रणनीति पर सर्वसम्मति बन गयी है और इस रणनीति के तहत जातीय समीकरणों को संतुलित करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल में जल्द ही विस्तार किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के...

लखनऊ/ नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी की रणनीति पर सर्वसम्मति बन गयी है और इस रणनीति के तहत जातीय समीकरणों को संतुलित करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल में जल्द ही विस्तार किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। लगभग सवा घंटे की इस बैठक के बाद वह भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के निवास पर पहुंचे जहां दोनों के बीच दो घंटे से अधिक समय तक बैठक चली। राजनीतिक बैठकों के बाद मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिल कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।  कोविंद की हाल ही में हृदय की सर्जरी हुई थी।             

योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दोपहर बाद राजधानी पहुंचे थे और उनकी गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी करीब डेढ़ घंटे तक बैठक हुई थी। बैठक में गृह मंत्री ने योगी आदित्यनाथ को सबको साथ लेकर चलने की सलाह दी थी। पार्टी के सूत्रों के अनुसार अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारियों के सिलसिले में राज्य में पार्टी संगठन एवं राज्य सरकार के बीच तालमेल तथा आगामी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ उनकी चर्चा हुई है। यह महसूस किया गया कि पार्टी की छवि को निखारने एवं कार्यकर्ताओं के बीच विश्वास एवं उत्साह भरने की जरूरत है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में राज्य में कोविड-19 महामारी की स्थिति और टीकाकरण अभियान की भी समीक्षा की गयी।        

सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री एवं संगठन को लेकर असंतोष की स्थिति करीब करीब सुलझ गयी है तथा विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति तय होने के साथ ही राज्य में आगामी मंत्रिमंडल विस्तार का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। इन मुलाकातों में यह बात साफ हो गयी है कि अगला विधानसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। लेकिन आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरणों को दुरुस्त भी किया जाएगा।      

माना जा रहा है कि इस कवायद में योगी सरकार से कुछ मंत्रियों की विदाई भी हो सकती है तथा छह से दस नये चेहरों को जगह मिलने की संभावना है जो उत्साह से काम करके परिणाम दे सकें। इस बीच ऐसी रिपोटर् भी है कि कांग्रेस से हाल ही में आये ब्राह्मण नेता जितिन प्रसाद तथा पूर्व नौकरशाह ए. के. शर्मा को मंत्रिमंडल में अहम दायित्व दिया जा सकता है।               

उत्तर प्रदेश सरकार के तीन मंत्री बीते दिनों कोविड की दूसरी लहर में बलि चढ़ गये हैं। राज्य के बाढ़ नियंत्रण और राजस्व राज्य मंत्री तथा मुज़फ़्फ़रनगर के चरथावल विधानसभा क्षेत्र से विधायक विजय कश्यप, सालोन से विधायक दल बहादुर कोरी, नवाबगंज के विधायक केसर सिंह गंगवार, औरैया से विधायक रमेश दिवाकर और पश्चिमी लखनऊ से सुरेश कुमार श्रीवास्तव का कोरोना से निधन हुआ है। गत वर्ष कोरोना की पहली लहर में दो मंत्रियों चेतन चौहान और कमल रानी वरुण की मृत्यु हुई थी। पार्टी संगठन में शीर्ष स्तर बदलाव की भी संभावना कम है।

समझा जाता है कि योगी आदित्यनाथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को बदले जाने के पक्ष में नहीं है। पहले ऐसी रिपोर्टें आयीं थीं कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बना कर अन्य पिछड़ा वर्ग के छिटकते वोटों को रोकने की कोशिश की जाएगी। उधर अपना दल की नेता एवं सांसद अनुप्रिया पटेल को उनकी पार्टी सहित भाजपा में लाने की कवायद भी चल रही है। ऐसी संभावना है कि सुश्री पटेल को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में पुन: स्थान मिलेगा। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री रह चुकी हैं। 

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