तो इस तरह सपा-बसपा के गठबंधन को कमजोर करेगी बीजेपी, बनाई यह रणनीति

Edited By Ruby,Updated: 02 Sep, 2018 11:54 AM

this strategy which will weaken the sp bsp combine in this way

जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे सभी पार्टियां जीत हासिल करने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहीं हैं। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा भी अपनी रणनीति को अमली जामा पहनने में जुट गई हैं। जिसके लिए उन्होंने एक खास रणनीति तैयार की है। सूत्रों के...

लखनऊः जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे सभी पार्टियां जीत हासिल करने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहीं हैं। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा भी अपनी रणनीति को अमली जामा पहनने में जुट गई हैं। जिसके लिए उन्होंने एक खास रणनीति तैयार की है। सूत्रों के मुताबिक अगले 5 महीनों में उत्तर प्रदेश के करीब 400 सांसद और विधायक ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान के दौरान अपने संघर्ष की परीक्षा देंगे। 

बीजेपी ने बनाई यह रणनीति
एक बीजेपी कार्यकर्ता के अनुसार “ बीजेपी के आलाकमान ने अपने सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों को यह निर्देश दिया है कि वे कम से कम 10 अनुसूचित जाति और ओबीसी समुदाय के वोटरों को पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।” उधर, भाजपा संगठन सचिव सुनिल बंसल ने बताया कि पार्टी हेडक्वार्टर में एक मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया है। इसके निर्देश में सितंबर से अभियान शुरू हो रहा है। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने कहा कि जिन दस वोटरों को पार्टी में जुड़ने के लि प्रेरित करना है, वे एक ही परिवार के न हों। साथ ही ये वो वोटर हों, जो पहले बसपा से जुड़े हुए थे। पूरे अभियान का निरीक्षण पार्टी के वार रूम जो कि प्रदेश हेडक्वार्टर लखनऊ में स्थित है, वहां से किया जाएगा।

विधानसभा क्षेत्र के लोगों से करना होगा संपर्क स्थापित 
सूत्रों के मुताबिक, “हमारा सिस्टम भाजपा सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों को एससी और ओबीसी समुदाय के वोटरों को पार्टी से जोड़ने के लिए दिए गए टास्क का निरीक्षण करने में सही है। ये सभी सांसद, विधायक और विधान पार्षद महीने में 10 दिन 50 गांव अपना समय व्यतीत करेंगे। एक विधानसभा क्षेत्र में करीब 250 गांव होते हैं। इस लिहाज से हम जनवरी के अंत तक सभी विधानसभा क्षेत्र के गांव के लोगों से अपना संपर्क स्थापित कर लेंगे। 

सपा-बसपा का गठबंधन हो कमजोर
पार्टी नेतृत्व ने पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को ‘ब्रज, काशी, गोरखपुर, पश्चिम, अवध और कानपुर’ के गांव में संपर्क करने वाले बीजेपी नेताओं पर नियमित रूप से रिपोर्ट करने के लिए लगाया है।” भाजपा की प्रदेश इकाइ ने समर्पित कार्यकर्ताओं जैसे डीजीपी ब्रिजलाल और राज्यसभा सदस्य राम सकल और एससी समुदाय के कांता करदम को ग्रामीण क्षेत्र के अपने समुदाय के सदस्यों के साथ लगातार बैठक करने को कहा है। इस सब का एक ही उद्देशय है कि किसी तरह सपा-बसपा का गठबंधन कमजोर किया जा सके। 
 

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