भारत और चीन की सेना के बीच खूनी संघर्ष अति-दुःखद व चिन्तनीय, संघर्ष पर कूटनीतिक तरीके से काबू पाना जरूरी: मायावती

Edited By Ramkesh,Updated: 13 Dec, 2022 12:34 PM

the bloody conflict between the army of india and china is very sad and worrying

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा प्रमुख मायावती ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन की सेना के बीच खूनी संघर्ष और उसमें कई सैनिकों के घायल होने की खबर पर गहरा को अति-दुःखद व चिन्तनीय बताया है।

लखनऊ / नई दिल्ली (अश्वनी कुमार सिंह): उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा प्रमुख मायावती ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन की सेना के बीच खूनी संघर्ष और उसमें कई सैनिकों के घायल होने की खबर पर गहरा को अति-दुःखद व चिन्तनीय बताया है।  उन्होंने  यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि इस परिणामों से पीड़ित एवं सहमी दुनिया में भारत-चीन सेना के बीच नए संघर्ष पर तुरन्त कूटनीतिक तरीके से काबू पाना जरूरी है। उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि भारतीय सेना ने चीन के साथ ताज़ा मामले में भी एक बार फिर जैसे को तैसा मुंहतोड़ जवाब देकर अपनी प्रसिद्धि के अनुरूप कार्य किया है, जो सराहनीय। अब सरकार की जिम्मेदारी है कि अपनी कूटनीतिक कुशलता का परिचय दे, यही देश को उम्मीद। अपनी इंटेलिजेंस को भी और मजबूत बनाना होगा।

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय सेना एवं चीनी सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प हुई। जिसमें दोनो तरफ की सेना घायल हुए है।  इसे लेकर  कांग्रेस सांसदों ने संसद में चर्चा की मांग की। पार्टी सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में नोटिस देकर मांग की है कि प्रश्नकाल, शून्यकाल और अन्य विधायी कार्यों को रोककर इस विषय पर चर्चा कराई जाए। उन्होंने मांग की कि सरकार तवांग और चीन की सीमा से लगे अन्य क्षेत्रों की स्थिति के बारे में सदन को सूचित करें क्योंकि यह भारत की संप्रभुता और स्वतंत्रता से जुड़ा विषय है। कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने नियम 267 के तहत उच्च सदन में सभी विधायी कार्यों को स्थगित करने की मांग की है।

 उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में आकर अरुणाचल प्रदेश संबंधी घटनाक्रम पर बयान दें। कांग्रेस के नेता एवं राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने भी उच्च सदन में एलएसी पर झड़प के विषय को लेकर नियम 176 के तहत अल्कालिक चर्चा की मांग की है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों रंजीत रंजन, रजनी पाटिल, जेबी मेथर, एल हनुमनथैया और शक्ति सिंह गोहिल ने भी एलएसी पर झड़प के मुद्दे पर नियम 267 के तहत कार्यस्थगन के नोटिस दिए हैं।  कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य पी चिदंबरम ने उपसभापति से पूछा कि क्या राजनाथ सिंह के बयान के बाद वह इस मुद्दे पर चर्चा कराएंगे। इसके जवाब में हरिवंश ने कहा कि चूंकि यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है, लिहाजा सदन की परंपराओं का ध्यान रखा जाएगा। हंगामा जारी रहते देख उपसभापति ने 11 बजकर 25 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं। पार्टी ने यह भी कहा था कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और सरकार को देश को भरोसे में लेना चाहिए। सैन्य सूत्रों ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिससे दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गये। उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिकों ने चीनी पीएलए सैनिकों का डटकर मुकाबला किया।
 

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