Edited By Ramkesh,Updated: 11 Aug, 2024 06:40 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को अगले 10 साल में बढ़ाकर 50 फीसदी से अधिक करने का है जो फिलहाल लगभग 25 प्रतिशत है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को अगले 10 साल में बढ़ाकर 50 फीसदी से अधिक करने का है जो फिलहाल लगभग 25 प्रतिशत है। आदित्यनाथ ने रविवार को प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के दृष्टिगत अब तक हुए क्रियान्वयन तथा भावी योजनाओं/कार्यक्रमों की समीक्षा की। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की मंशा उच्च शिक्षण संस्थानों में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए गुणवत्तापूर्ण, सार्वभौमिक एवं रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराना है।
एक जिला-एक विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रही सरकार
उत्तर प्रदेश एनईपी को लागू करने वाला अग्रणी राज्य रहा है। उन्होंने कहा, '' उत्तर प्रदेश ने एक मंडल विश्वविद्यालय का लक्ष्य पूरा कर लिया है और अब हम एक जिला-एक विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रहे हैं।'' बैठक में मुख्यमंत्री ने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों के अच्छे परिणामों की चर्चा करते हुए कहा, “सकल नामांकन अनुपात को बेहतर करने में इन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना से सहायता मिल रही है और वर्तमान में उच्च शिक्षण संस्थानों में जीईआर लगभग 25 प्रतिशत है, पर हमारा लक्ष्य है कि यह आगामी 10 वर्षों में 50 प्रतिशत से अधिक हो।”
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ज्ञान, कौशल विकास
आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ज्ञान, कौशल विकास और रोजगारपरक शिक्षा पर विशेष ध्यान देती है। युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के माध्यम से स्नातक व डिप्लोमाधारी युवाओं को औद्योगिक संस्थानों में ‘अप्रेंटिशशिप' की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। बैठक में बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, व्यावसायिक, कृषि तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों ने अपने-अपने विभागों की प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।