Edited By Umakant yadav,Updated: 11 May, 2020 02:53 PM
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। ऐसे में संक्रमित मरीजों की जांच संख्या बढ़ाने के लिए अब एचआईवी जांच में इस्तेमाल की जाने वाली एबॉट्स मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। पहले चरण में एबॉट्स मशीन...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। ऐसे में संक्रमित मरीजों की जांच संख्या बढ़ाने के लिए अब एचआईवी जांच में इस्तेमाल की जाने वाली एबॉट्स मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। पहले चरण में एबॉट्स मशीन से केजीएमयू और मेरठ मेडिकल कालेज में 300-300 नमूनों की जांचें की जाएंगी। इन नमूनों की जांच के लिए 5 हजार किट खरीदने के आदेश दे दिए गए हैं। एक किट की कीमत करीब 1600 रुपये आंकी गई है।
एबॉट्स मशीन बीएचयू वाराणसी के पास मौजूद
बता दें कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 80 लाख रुपये कोविड केयर फंड से मांगे हैं। चूंकि, किट्स भी जर्मन एबॉट्स कंपनी के पास है। इसलिए किट्स उसी कंपनी से मंगवाई गईं हैं। ऐसे ही एबॉट्स मशीन बीएचयू वाराणसी के पास भी है। प्रथम चरण में केजीएमयू लखनऊ और मेरठ मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस के मरीज़ों की जांच शुरू होने के बाद दूसरे चरण में बीएचयू वाराणसी में इस मशीन से जांच शुरू की जाएगी।
अत्याधुनिक कोबास-68 मशीन की भी ज़रूरत
इसके साथ ही कोरोना वायरस के मरीज़ों के नमूनों की टेस्टिंग बढ़ाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को अपने मेडिकल कॉलेजों के लिए अत्याधुनिक कोबास-68 मशीन की भी ज़रूरत है। इस मशीन के आने के बाद मेडिकल कॉलेजों में टेस्टिंग की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। जिससे संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।