Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 17 Jan, 2021 05:22 PM
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने रविवार को कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में किसानों पर की जा रही बर्बरता ईस्ट इंडिया कम्पनी को भी मात दे रही है। कांग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर के निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते...
मथुरा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने रविवार को कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में किसानों पर की जा रही बर्बरता ईस्ट इंडिया कम्पनी को भी मात दे रही है। कांग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर के निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण किसान आंदोलन पर वाटर कैनन का प्रयोग, किसानों की अपनी मांग मनवाने के लिए कड़कती ठंड में खुले आसमान तले बैठना और इसके बाद भी तीनो कानूनो को वापस न लेना किसान के प्रति की जा रही बर्बरता की इंतहां है। उन्होंने तत्काल तीनों किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि सरकार किसान के साथ बैठकर उनकी मांग के अनुकूल नये कानून बनाए तो कांग्रेस पार्टी भी उसका समर्थन करेगी।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि वैक्सीनेशन की सामान्य प्रक्रिया को इवेन्ट क्यों बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी आदत से मजबूर हैं। पहले भी नोटबन्दी, जीएसटी और यहां तक कोविद 19 पर नियंत्रण करने को भी उन्होंने इवेन्ट बनाया था थाली बजवाई थी मगर कुछ भी नही कर पाए। 18 दिन में महाभारत हो गया था और 20 दिन से अधिक समय में ये कुछ भी नही कर पाए। इनको कोरोना के मामले में खुद कहने की जगह किसी वैज्ञानिक से कहलाना चाहिए था क्योंकि इनकी विश्वसनीयता कम हो गई है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब सेावियत रूस, ब्रिटेन आदि के शीर्ष नेता अपने देश की वैक्सीन को लगवा रहे हैं तो प्रधानमंत्री या उनके मंत्रिमण्डल के सदस्य क्यों नही लगवा रहे हैं। इससे विश्वसनीयता बढ़ेगी और जब वे नही लगवा रहे हैं तो लोगों के मन में संदेह उत्पन्न होता है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे को उठाए जाने पर उन्होंने कहा कि इस पर वैसे तो कानून पहले ही बन चुका है हकीकत यह है कि कोरोना वायरस के नियंत्रण में सरकार की विफलता, बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए इस प्रकार के मुद्दे उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी चुनावें में उत्तर प्रदेश कांग्रेस का चेहरा प्रियंका गांधी वाड्रा होंगी और उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा।