Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 05:28 PM
देश हो या प्रदेश हर जगह स्कूल और टीचरों की मनमानी आए दिन सुर्खियां बटौर रही है। हाल ही में कौशांबी जिले की एक स्कूल टीचर की तालीबानी हरकत ने सबको चौंका दिया है....
कौशांबी(उत्तर प्रदेश): देश हो या प्रदेश हर जगह स्कूल और टीचरों की मनमानी आए दिन सुर्खियां बटौर रही है। हाल ही में कौशांबी जिले की एक स्कूल टीचर की तालीबानी हरकत ने सबको चौंका दिया है। हैरत की बात यह है कि स्कूल टीचर की गलती मानने की बजाए स्कूल प्रशासन धड़ल्ले से उसका सर्मथन कर रहा है।
टीचर ने स्कूल में काटे छात्रों के बाल
वहीं कक्षा में टीचर द्वारा छात्रों के आड़े-तीरछे बाल काटने की सूचना के बाद अभिभावकों का उग्र प्रदर्शन जारी है। दरअसल हम बात कर रहे है जिले के नामचीन सेंट मारिया इंग्लिश मीडियम स्कूल की, जो कि सिराथू तहसील के ठीक पीछे संचालित है।
बच्चों की इस हालत पर अभिभावकों का चढ़ा पारा
बता दें कि यहां आस पास के तमाम बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। रोज की तरह कल भी सिराथू कस्बे का रहने वाला कक्षा 3 का छात्र राज साहू स्कूल पहुंचा था। लेकिन वहां पढ़ाने वाली फरीदा मैडम ने उसके आगे के बाल काट दिए। इतना ही नहीं मैडम ने उसके बाद कई दूसरे बच्चों के भी इसी तरह बाल काट दिए
स्कूल के गेट पर किया जमकर प्रदर्शन
वहीं भरी कक्षा में बाल कटने से हैरान परेशान रोते विलखते बच्चे घर पहुंचे तो उनकी सूरत देख अभिभावकों का पारा गरम हो गया। बच्चों के बाल कटने से तमतमाए अभिभावक स्कूल पहुंचे तो गेट पर ही प्रबंधक वाहिद अली दिखाई दे गए। अभिभावकों ने प्रबंधक को जमकर खरी खोटी सुनाने के बाद बाल काटने वाली टीचर को सामने बुलाने की जिद की।
स्कूल में बाल काटना कहां तक ठीक
हालांकि तब तक टीचर अपने घर जा चुकी थी। अभिभावकों का कहना है कि उन्हें बता दिया जाता तो वह खुद ही अपने बच्चों के बाल कटवा देते, लेकिन बिना नोटिस के बच्चों के बाल स्कूल में जबरन काटना कही से भी ठीक नहीं है।
स्कूल ने किया टीचर का सर्मथन
हैरत की बात है कि इस बीच स्कूल प्रबंधक का कहना है कि कई बार अभिभावकों से कहा गया, लेकिन जब बच्चों के बाल नहीं कटवाए गए तो स्कूल की टीचर ने काट दिए।वहीं अभिभावक ने मामले की शिकायत उप जिला मजिस्ट्रेट सिराथू से की तो वह स्कूल जांच करने के लिए जा पहुंचे।
जिला एसडीएम ने साधी चुप्पी
लेकिन तफ्तीफ करने पहुंचे एसडीएम महोदय महज 5 मिनट स्कूल के दफ्तर में बैठे और यह कहते हुए वापस लौट गए कि स्कूल के नियमों के हिसाब से बच्चों को चलना चाहिए। मीडिया ने एसडीएम से सवाल करना चाहा तो वह जवाब दिया बिना लौट गए।