योगी द्वारा हनुमान को लेकर दिए बयान पर बोले स्वामी चेतनानंद- दलित नहीं होते महापुरुष

Edited By Ruby,Updated: 02 Dec, 2018 06:23 PM

swami chetananand said hanuman is not a dalit maha purusha

स्वामी दिव्य चेतनानन्द जी महाराज ने कहा कि हिन्दू धर्म के शब्द कोष में किसी इंसान के लिए दलित जैसा कोई शब्द नहीं है इसलिए महापुरुषों अथवा देवों को दलित कहने का कोई औचित्य नहीं है..

जौनपुरः स्वामी दिव्य चेतनानन्द जी महाराज ने कहा कि हिन्दू धर्म के शब्द कोष में किसी इंसान के लिए दलित जैसा कोई शब्द नहीं है इसलिए महापुरुषों अथवा देवों को दलित कहने का कोई औचित्य नहीं है।  

महाराष्ट्र के संत स्वामी दिव्य चेतनानन्द जी महराज ने पत्रकारों से कहा कि वोट की राजनीति के लिए रामभक्त हनुमान के नाम का इस्तेमाल करना उचित नहीं है। भारतीय दर्शन ने कभी किसी को दलित नहीं माना है। अब किसी नेता ने क्या सोचकर हनुमान जी को दलित कहा यह तो वही बता सकते हैं। स्वामी ने कहा कि तंत्र मंत्र यंत्र की साधना से ईश्वर का दर्शन प्राप्त किया जा सकता है। अपने आंतरिक शक्तियों को जागृत किया जा सकता है। जिसे पांच शक्तियां प्राप्त हो वही देवता है। देवता मंत्र के अधीन होते है मंत्र के जरिए उन्हें अपने अधीन किया जा सकता है। 

इसके साथ ही कहा कि लक्ष्य ही सबको महान बनाता है। साथ ही जानकारी दी कि तंत्र भगवान शिव के द्वारा तैयार की गई वह विद्या है जिससे आन्तरिक शक्तियो का ज्ञान होता है। देश के तमाम संतों द्वारा सन्त समाज की गरिमा गिराए जाने के सवाल का जवाब देते हुए कहा ‘‘ समाज में असली नकली दोनों तरह के संत हैं। जहां खराब लोग हैं तो अच्छे लोग भी हैं। प्रति वर्ष वाराणसी में भैरव जी की आराधना करने आता हूं इसी क्रम में वाराणसी आया था वहां से जौनपुर आ गया हूं। अब तक पूर्वान्चल में 108 कुंडीय यज्ञ करा चुका हूं। 

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