झांसी में जल्द ही ‘गर्भवती महिलाओं’ को भी लगेगा कोरोना का टीका: डॉ़. रविशंकर

Edited By Umakant yadav,Updated: 03 Jul, 2021 10:45 PM

soon  pregnant women  will also get corona vaccine in jhansi dr ravi shankar

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की जारी ‘काउंसलिंग प्रेगनेंट वीमेन फॉर कोविड 19 वैक्सीन''गाइडबुक के अनुसार गर्भवती महिलाओं में भी कोविड-19 के संक्रमण का खतरा हो सकता है और इसी के मद्देनजर शासन के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश के झांसी में गर्भवती...

झांसी: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की जारी ‘काउंसलिंग प्रेगनेंट वीमेन फॉर कोविड 19 वैक्सीन'गाइडबुक के अनुसार गर्भवती महिलाओं में भी कोविड-19 के संक्रमण का खतरा हो सकता है और इसी के मद्देनजर शासन के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश के झांसी में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण शुरू किया जायेगा।             

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ॰ रविशंकर ने शनिवार को बताया कि कोविड से बचाव के लिए अब गर्भवती महिलाओं को भी टीका लगाया जाएगा। शासन के निर्देश के बाद जनपद में भी यह शुरू हो जाएगा। कोविड संक्रमण का खतरा गर्भवती को भी होता है। इसे ध्यान में रखते हुए टीकाकरण शुरू करने से पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने‘काउंसलिंग प्रेगनेंट वीमेन फॉर कोविड 19 वैक्सीन'गाइडबुक भी जारी की है, जिसमें गर्भवती के कोविड टीकाकरण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गयी है। गाइडबुक को विशेष रूप से फ्रंटलाइन वकर्र्स तथा वैक्सीनेटर के लिए तैयार किया गया है, जिसकी मदद से वह गर्भवती को कोविड टीकाकरण से संबंधित सही सलाह देकर टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करने में उनकी मदद कर सकते हैं।              

मंत्रालय ने गाइडबुक के जरिये बताया है कि गर्भवती को भी कोविड संक्रमण का खतरा है। अधिकतर गर्भवती में एसिम्टोमेटिक या हल्के लक्षण दिख सकते हैं। हल्के लक्षणों के बावजूद संक्रमण से उनके स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है जो गर्भस्थ शिशु की सेहत पर असर डाल सकता है। गर्भवती को कोविड संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए उनके टीकाकरण की सलाह दी जाती है। टीकाकरण शुरू होने पर गर्भवती या उनके परिजन कोविड टीकाकरण के संबंध में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।                    

गाइडबुक में कहा गया है कि हालांकि अधिकतर संक्रमित गर्भवती बिना किसी अस्पताल में भर्ती हुए ठीक हुई हैं, लेकिन कुछ गर्भवती में गंभीर मामले भी देखने को मिले हैं। सिम्टोमेटिक या लक्षणयुक्त गर्भवती को मौत का खतरा भी हो सकता है, इसलिए उन्हें अन्य मरीजों की तरह ही अस्पताल में भर्ती कराये जाने की जरूरत होती है। इसके साथ ही वह गर्भवती जिनकी उम्र 35 वर्ष से अधिक हो, मोटापा, उच्चरक्तचाप व डायबिटीज से पीड़ति हों उन्हें संक्रमण का जोखिम व उससे जटिलताएं होने की संभावना अधिक होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कोविड संक्रमित गर्भवती से जन्में 95 फीसदी शिशु स्वस्थ रहे हैं, लेकिन कुछ मामलों में गर्भावस्था में कोविड संक्रमण के कारण समय से पूर्व प्रसव, बच्चों के वजन में कमी तथा जन्म से पूर्व गर्भ में ही मृत्यु के मामले भी सामने आये हैं।    

गर्भावस्था के अंतिम दिनों में प्रसव के तुरंत बाद चिकित्सीय परामर्श से कोविड टीकाकरण कराया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये कोविड वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं और टीकाकरण गर्भवती को संक्रमण से बचाव करता है। दूसरी दवाओं की तरह, वैक्सीन के साइट इफेक्ट हो सकते हैं, जिसका बहुत ही हल्का प्रभाव होता है। वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार या इंजेक्शन लिये स्थान पर दर्द तथा दो से तीन दिन अस्वस्थ महसूस किया जा सकता है।गर्भवती को टीकाकरण के बाद भी सुरक्षा के सभी उपाय अपनाने होंगे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण कोविड अनुरूप व्यवहार है, जिनमें नियमित रूप से मास्क लगाना, हाथों को धोना और भीड़भाड़ वाली जगहों पर शारीरिक दूरी अपनाने का विशेष ख्याल रखना है।

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