Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 19 Jul, 2019 03:31 PM
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात और समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद मोहम्मद आजम खां के उत्पीड़न को लेकर शुक्रवार को विपक्ष के राज्य विधानसभा में जबरदस्त हंगामे और शोरशराबे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र जिले...
लखनऊः उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात और समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद मोहम्मद आजम खां के उत्पीड़न को लेकर शुक्रवार को विपक्ष के राज्य विधानसभा में जबरदस्त हंगामे और शोरशराबे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र जिले में हुयी हिंसा के सिलसिले में पांच अधिकारियों के निलंबन की घोषणा की।
सोनभद्र जिले के घोरावल क्षेत्र में पिछले बुधवार को जमीनी विवाद में हुये संघर्ष में दस आदिवासियों की मृत्यु हो गयी थी और 25 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गये थे। योगी ने कहा कि इस घटना की जांच दो सदस्यीय दल को सौंपी गयी थी जिसकी रिपोर्ट के आधार पर उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षक,उपनिरीक्षक और एक सिपाही को निलंबित की अनुशंसा की गयी है।
उन्होंने कहा कि घोरावल क्षेत्र के उम्भा गांव में जमीनी विवाद के लिये पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार जिम्मेदार है। कांग्रेस के शासनकाल 200 बीघा जमीन सोसाइटी को दी गयी थी जबकि बाद में वर्ष 1989 में एक बार फिर इस जमीन का हस्तांतरण किया गया। मुख्यमंत्री ने विवादित जमीन मामले को लेकर अपर मुख्य सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति की घोषणा की जो दस दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति में दो अन्य सदस्यों में विंध्याचल के मंडलायुक्त और श्रम विभाग के प्रमुख सचिव शामिल हैं।
विधानसभा में मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बावजूद समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के सदस्य शोरशराबा करने लगे और सदन की वेल में आकर सरकार विरोधी नारे लगाते रहे।