Edited By Deepika Rajput,Updated: 24 Feb, 2019 05:23 PM
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अगर मैं चाहता तो 2003 और 2012 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बन सकता था, लेकिन मैंने त्याग किया और पद नहीं लिया।
लखनऊः प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अगर मैं चाहता तो 2003 और 2012 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बन सकता था, लेकिन मैंने त्याग किया और पद नहीं लिया।
प्रसपा अध्यक्ष ने रविवार को 51 दलों के नेताओं के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण का नाम लेते हुए कहा कि इन महान लोगों ने कभी पद की कामना नहीं की। अगर मैं चाहता तो 2003 में मुख्यमंत्री बन सकता था। उस वक्त मेरे साथ 147 विधायक थे। 2012 में भी यही स्थिति थी, लेकिन मैं मुख्यमंत्री नहीं बना। लोग कहते हैं कि मेरे साथ धोखा हुआ, लेकिन मैंने उससे सबक लिया है। समाज और देशहित के बारे में हम सभी को सोचना और सत्ता परिवर्तन के बाद व्यवस्था में बदलाव करना होगा।
उन्होंने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि न तो अच्छे दिन आए और न ही लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये जमा हुए। उल्टे नोटबंदी से लोग परेशान हुए और बेरोजगारी बढ़ी।