Edited By Ramkesh,Updated: 13 Feb, 2025 08:17 PM

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज FIR मामले में आरोपी को बड़ी रहात दी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि संपत्ति या वित्तीय विवादों में इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम जैसे कड़े...
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज FIR मामले में आरोपी को बड़ी रहात दी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि संपत्ति या वित्तीय विवादों में इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम जैसे कड़े कानूनों के तहत दर्ज एफआईआर की सख्त जांच आवश्यक है! उसके बाद गैंगस्टर के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को अधिनियम के कड़े प्रावधानों को लागू करने में मनमानी नहीं कर सकते है। न्यायालयों को गैंगस्टर अधिनियम जैसे कठोर कानूनों के तहत अभियोजन की अनुमति देने से पहले वैधानिक आवश्यकताओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
कोर्ट ने कहा भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को केवल इस कारण से नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। जब अधिनियम को लागू करने की बात आती है तो संबंधित अधिकारियों को कोई भी अप्रतिबंधित विवेक देना स्पष्ट रूप से नासमझी होगी। कोई प्रावधान जितना कठोर या दंडात्मक होगा, उसे सख्ती से लागू करने पर उतना ही अधिक जोर और आवश्यकता होगी।