Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 03 Oct, 2021 04:18 PM
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस ने ऐलान किया था कि 2 अक्टूबर तक, अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया तो सरयू में जलसमाधि ले लेंगे। इस मामले को लेकर अयोध्या में बीते शनिवार को पूरा दिन हाईप्रोफाइल ड्रामा चला।
अयोध्या: तपस्वी छावनी के महंत परमहंस ने ऐलान किया था कि 2 अक्टूबर तक अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया तो सरयू में जलसमाधि ले लेंगे। इस मामले को लेकर अयोध्या में बीते शनिवार को पूरा दिन हाईप्रोफाइल ड्रामा चला। पुलिसकर्मी, मीडिया समेत भारी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा रहा। महंत परमहंस जलसमाधि तो नहीं ले सकें, लेकिन फिर से एक नए तारिख का ऐलान जरुर कर दिए हैं। इस बार अयोध्या में नही बल्कि 7 नवंबर 2023 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन करने का फैसला किया है।
वहीं, परमहंस जलसमाधि लेने के फैसले को बदलते हुए 7 नवंबर 2023 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन करने का ऐलान किया है। उनको उम्मीद है कि मैदान में करोड़ों भक्तों की भीड़ इकट्ठा होगी, वहां अपना आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे और 2024 तक भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाएगा। बता दें कि महंत परमहंस पर बार-बार समय और तारिख बदलने को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। अब उनकी विश्वसनीयता को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है, लेकिन संत परमहंस का कहना है कि लाखों भक्तों के अनुरोध पर अपना फैसला बदला है।
गौतलब है कि परमहंस 6 दिसंबर 2018 को आत्मदाह करने का ऐलान किया था जिसमें पुलिस ने शांति भंग करने के लिए मामले में जेल भेज दिया था। इसके बाद 2 अक्टूर 2021 को भारत को हिंदूराष्ट्र घोषित करने का ऐलान किया और उन्होंने कहा कि अगर मांगें पूरी नही की गई तो सरयू में जलसमाधि ले लेंगे। इस मामले में पुलिस हाउस अरेस्ट किया, फिर परमहंस ने 2023 में आमरण अनशन करने का ऐलान किया है।