Edited By Ajay kumar,Updated: 31 Oct, 2019 07:02 PM
दो वर्ष पूर्व पुरातत्व विभाग ने सहारनपुर जिला जेल को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करते हुए तत्काल खाली किए जाने का नोटिस दिया था लेकिन अभी तक भी सहारनपुर जिला प्रशासन नई जेल के निर्माण के लिए जरूरी 90 एकड़ भूमि उपलब्ध नहीं करा पाया।
सहारनपुरः दो वर्ष पूर्व पुरातत्व विभाग ने सहारनपुर जिला जेल को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करते हुए तत्काल खाली किए जाने का नोटिस दिया था लेकिन अभी तक भी सहारनपुर जिला प्रशासन नई जेल के निर्माण के लिए जरूरी 90 एकड़ भूमि उपलब्ध नहीं करा पाया। पुरातत्व विभाग के निर्देशों के मुताबिक इस जेल में ना तो नवनिर्माण किया जा सकता है और ना ही कोई भी बदलाव किया जा सकता है और ना ही दीवारों को ऊंचा किया जा सकता है।
मौजूदा जेल की अक्षमता 530 बंदियों/कैदियों को रखने की है। इसमें केवल नौ बेरक हैं और वर्तमान में वहां 800 बंदी/कैदी कैद हैं। इसमें किशोर जेल और महिला जेल भी है। जेल में शौचालयों का घोर अभाव है। वहां वीडियों कांफ्रेंसिंग और पीसीओ की भी व्यवस्था नहीं है।
डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी ने बुधवार देर शाम सहारनपुर के वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा वीरेश राज शर्मा और अन्य जेल अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने जेल का निरीक्षण भी किया और जेल प्रशासन से भूमि उपलब्धता की स्थिति की जानकारी ली। जेल प्रशासन ने इसके लिए नांगल और बेहट में भूमि की तलाश की लेकिन अब राज्य सरकार ने तय किया है कि नई जेल का निर्माण सहारनपुर नगर में ही किया जाएगा। इसके लिए सहारनपुर में देहरादून रोड़ पर 80 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। डीआईजी संजीव त्रिपाठी ने इस जमीन के अभिलेख और सकिर्ल रेट के आधार पर समीक्षा की।