Edited By Ajay kumar,Updated: 04 Nov, 2019 11:55 AM
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने बिजली कर्मचारियों की भविष्य निधि में 2600 करोड़ रूपये के घोटाले में राज्य सरकार की संलिप्तता का आरोप लगाते हुये ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को बर्खास्त करने की मांग की है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने बिजली कर्मचारियों की भविष्य निधि में 2600 करोड़ रूपये के घोटाले में राज्य सरकार की संलिप्तता का आरोप लगाते हुये ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को बर्खास्त करने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि बगैर सरकार की मिलीभगत के इतना बड़ा घोटाला नामुमकिन है।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट के बाद सरकार हरकत में आयी और एक चीफ इंजीनियर और अधिकारी को गिरफ्तार कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली लेकिन सबको पता है कि इतना बड़ा घोटाला बगैर मंत्रियों और आला अधिकारियों की मर्जी के बगैर नहीं हो सकता।
उन्होने कहा कि 10 जुलाई को गुमनाम शिकायत के बाद 28 अगस्त को घोटाले की पुष्टि हो गयी लेकिन सरकार ने इस सबंध में जानबूझ कर कोई कार्यवाही नहीं की और इस मामले में खुद को बचाने की जुगत में लगी रही और आखिर में घोटाले की जिम्मेदारी पूर्ववर्ती सरकार पर डाल रही है। कांग्रेस का मानना है कि जब अखिलेश सरकार के हर गलत काम की जांच की गयी तो इसे क्यों छोड़ा गया। इस मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने को ढोंग करार देते हुये उन्होने कहा कि जब सब कुछ साफ है कि तो जांच से पहले ही जिम्मेदारों पर कारर्वाई करने की जरूरत है। सबसे पहले ऊर्जा मंत्री से उनके सरकारी आवास, दफ्तर और मथुरा स्थित आवास पर आंगतुक रजिस्टर को सील किया जाना चाहिये ताकि पता चल सके कि डिफाल्टर कंपनी डीएचएफएल के अधिकारी और कर्मचारी दिन में कितने बार उनसे मिलने आते थे।
उन्होने कहा कि डीएचएफएल ने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 20 करोड़ रूपये का चंदा दिया था जबकि उनके कर्मचारी ऊर्जा मंत्री की खिदमत में लगे रहते थे। कांग्रेस की मांग है कि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और दूसरे जिम्मेदार मंत्रियों को अविलंब बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज किया जाये। इसके अलावा पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक और दूसरे बड़े अधिकारियों को पद से हटाकर आपराधिक मामला दर्ज किया जाये। लल्लू ने कहा कि बिजली कर्मचारियों की गाढी कमाई जब तक उन्हे नहीं मिलती है और ऊर्जा मंत्री को बर्खास्त नहीं किया जाता है, कांग्रेस चरणबद्ध तरीके से कर्मचारी हित में अपनी लड़ाई को सड़क से सदन तक चरणबद्ध तरीके से आगे बढोयेगी।