Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 19 Oct, 2018 12:39 PM
आज विजयदशमी का दिन है। दशहरा को असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक मानकर रावण के पुतले का दहन किया जाता है। रावण दहन से पहले प्रयागराज के कीडगंज इलाके के होली वाली गली में रावण के पुतले को तैयार किया जा रहे हैं। इस गली के ज़्या...
प्रयागराजः आज विजयदशमी का दिन है। दशहरा को असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक मानकर रावण के पुतले का दहन किया जाता है। रावण दहन से पहले प्रयागराज के कीडगंज इलाके के होली वाली गली में रावण के पुतले को तैयार किया जा रहे हैं। इस गली के ज़्यादातर हर घर में रावण के पुतले कई हफ़्तों पहले से ही बनने शुरू हो जाते हैं। यहां के पुतलों की खास बात ये है कि इस शहर के लोगों के साथ-साथ कई और अन्य जिलों में भी ये पुतले रावण दहन के लिए जाते हैं। 50 से 100 फीट तक के रावण के पुतलों को बनाया जाता है।
कारीगर बताते है कि हौली वाली गली में रावण के पुतले पिछले 200 सालों से बन रहे है। एक महीने पहले से ही कई जिलों से आर्डर मिलना शुरू हो जाता है। कौशाम्बी, प्रतापगढ़, अमेठी, मिर्जापुर तक के लोग यहां से रावण के पुतले को ले जाते हैं। हर घर में इतने रावण के पुतले बनाए जाते हैं। जिससे इन सबका पूरे साल का खर्चा चल जाता है। कारीगर अब रावण के पुतले को अंतिम स्वारूप देने में लगे हैं। रावण दहन शाम 7 बजे से शुरू हो जाएगा।