लखनऊ विवि के प्रोफेसर की प्राथमिकी खारिज करने की मांग अस्‍वीकार

Edited By PTI News Agency,Updated: 21 May, 2022 01:10 AM

pti uttar pradesh story

लखनऊ, 20 मई (भाषा) इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने काशी विश्वनाथ मंदिर के संबंध में कथित रूप से विवादास्पद बयान देने को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) को रद्द करने से इनकार कर दिया है।...

लखनऊ, 20 मई (भाषा) इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने काशी विश्वनाथ मंदिर के संबंध में कथित रूप से विवादास्पद बयान देने को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) को रद्द करने से इनकार कर दिया है।
हालांकि न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता के विरुद्ध जिन आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज है, उनमें अधिकतम सजा सात साल से कम है, लिहाजा सीआरपीसी के सम्बंधित प्रावधानों के तहत ही उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। न्यायालय ने जिन प्रावधानों का जिक्र किया है उनमें अभियुक्त को पहले नोटिस भेजकर तलब करने की बात कही गई है।
न्यायमूर्ति अरविन्द कुमार मिश्रा (प्रथम) एवं न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने प्रोफेसर रविकांत की याचिका यह आदेश दिया। प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ हसनगंज थाने में समुदायों के बीच नफरत उत्पन्न करने एवं सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने, शांति भंग करने के लिए भड़काने के उद्देश्य से जानबूझकर अपमानजनक बातें कहने तथा वर्गों के बीच शत्रुता उत्पन्न करना समेत 66 आईटी एक्ट के आरोपों के तहत 10 मई को प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्रोफेसर ने इसी प्राथमिकी को निरस्‍त करने के लिए अदालत में अर्जी दी थी।

न्यायालय ने कहा कि प्राथमिकी को देखने से याचिकाकर्ता के विरुद्ध संज्ञेय अपराध बनता है लिहाजा प्राथमिकी खारिज नहीं की जा सकती। न्यायालय ने इस आधार पर प्राथमिकी खारिज करने की मांग को अस्वीकार कर दिया। हालांकि न्यायालय ने याची को यह राहत जरूर दी है कि उसके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, उनमें अधिकतम सजा सात वर्ष से कम है लिहाजा हसनगंज पुलिस को सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुपालन के बिना प्रोफेसर की गिरफ्तारी को प्रभावी नहीं करने का निर्देश दिया है।

उल्लेखनीय है कि काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर के बारे में कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद प्रोफ़ेसर रविकान्त के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक सदस्य द्वारा भावनाएं भड़काने तथा आईटी अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कराया गया था।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!