Edited By Ruby,Updated: 01 Jan, 2019 04:12 PM
विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुंभ मेले से पहले महानिर्वाणी अखाड़ा के साधु-संतों ने हाथी, घोड़ा, पालकी और बैंड बाजों से सजी भव्य पेशवाई निकाली। पेशवाई में सबसे आगे अखाड़ा का ध्वज लहरा रहा था। उसके बाद नागा सन्यासियों का समूह करतब...
प्रयागराजः विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुंभ मेले से पहले महानिर्वाणी अखाड़ा के साधु-संतों ने हाथी, घोड़ा, पालकी और बैंड बाजों से सजी भव्य पेशवाई निकाली। पेशवाई में सबसे आगे अखाड़ा का ध्वज लहरा रहा था। उसके बाद नागा सन्यासियों का समूह करतब दिखाते आगे-आगे बढ़ रहा था।
रथ पर आरूढ़ आराध्य कपिल मुनि की मूर्ति थी जिसपर महात्मा फूल बरसा रहे थे। बीच बीच में रथ पर सवार साधु-महात्मा दर्शन के लिए कतार में खड़े श्रद्धालुओं पर जल में डूबोकर पुष्प ड़ाल रहे थे। दूसरी तरफ लंबे समय से सड़क के दोनों तरफ खड़े श्रद्धालु भी साधु-महात्माओं पर पुष्प चढ़ा रहे थे। पेशवाई में परंपरा के मुताबिक ही हाथी, घोड़े, ऊंट और बैंड बाजे के साथ जूना अखाड़े के आचार्य महामणडलेश्वर, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर और नागा साधुओं ने शिरकत की।
नागा साधुओं ने अपने अस्त्र शस्त्र के साथ पेशवाई के बीच में जगह-जगह रुककर युद्ध कौशल का भी प्रदर्शन किया। सड़क के दोनों किनारो पर दो घोड़ों पर सवार दो नागा सन्यासी नगाड़ा बजाते हुए चल रहे थे। इससे पहले श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, श्रीपंच अग्नि अखाड़ा और अटल अखाड़े की शाही ढंग से पेशवाई निकल चुकी है। पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।