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प्रयागराज में पसरा सन्नाटा, लोग भावुक होकर बोले- अब कौन पूछेगा संगम किधर है...

Edited By Ramkesh,Updated: 28 Feb, 2025 05:33 PM

prayagraj people got emotional and said now who will ask where is sangam

उत्तर प्रदेश में पिछले 45 दिनों से मंत्रोच्चार एवं भजन-प्रवचन से गुंजायमान महाकुंभनगर अब वीरानगी की ओर बढ़ रहा है। टेंट उखड़ रहे हैं और सामान ट्रैक्टरों पर लादे जा रहे हैं। ऐसे में हफ्ते महीने इस नगर में बिताने वाले लोग भावुक होकर विदा हो रहे हैं।...

महाकुंभनगर: उत्तर प्रदेश में पिछले 45 दिनों से मंत्रोच्चार एवं भजन-प्रवचन से गुंजायमान महाकुंभनगर अब वीरानगी की ओर बढ़ रहा है। टेंट उखड़ रहे हैं और सामान ट्रैक्टरों पर लादे जा रहे हैं। ऐसे में हफ्ते महीने इस नगर में बिताने वाले लोग भावुक होकर विदा हो रहे हैं। अब सड़कों पर सन्नटा पसरा हुआ। वहां के लोग बोले अब कौनपूछेगा कि संगम किधर है।  महाकुंभनगर में 45 दिनों तक चला मेला महाशिवरात्रि स्नान के साथ संपन्न हो गया। इस दौरान 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। लाखों लोगों ने तो इसे अपना अस्थाई घर ही बना लिया था।

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श्रद्धालु बोले - जयपुर जाने का मन नहीं कर रहा
महाकुंभ नगर के सेक्टर आठ में बैलों के संरक्षण के लिए शिविर लगाकर एक महीने से अधिक का प्रवास करने वाले राहुल शर्मा ने बहुत भावुक होकर कहा, “वापस जयपुर जाने का मन नहीं कर रहा। यहां हुई अनुभूति को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। यहां हर दिन एक नई ऊर्जा का संचार महसूस हुआ। जमीन पर सोया, लकड़ी की आग पर भोजन पकाकर खाया। यह सब महानगरों में कहां नसीब होता है।

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टेंट उजड़ता देखकर बहुत दुख हुआ 
उन्होंने कहा, “इस मेले ने मुझे देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं की सेवा करने का अवसर दिया। एक ही जगह पर बिना बुलाए लोग आए।” प्रयागराज की रहने वाली सलोनी निरंजन सेक्टर छह में एक स्विस कॉटेज में ठहरी थीं। टेंट उखड़ते देख दुखी मन से उन्होंने कहा, “मैंने इसी टेंट में एक महीने का कल्पवास किया और अब इस घर को उजड़ता देख बहुत दुख हो रहा है।” उन्होंने बताया, “महाशिवरात्रि तक यहां जनसैलाब उमड़ा था और अब धीरे धीरे यह इलाका वीरान हो रहा है। सलोनी के पति निरंजन लाल और उनके परिवार के पंडा शंभूनाथ शर्मा भी इस दृश्य को देखकर भावुक हैं।

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40 डाक्टरों की टीम ने मेंला में दी अपनी सेवाएं 
शर्मा ने कहा, “आप जहां भी नजर घुमाएं, हर स्थान बदलता हुआ दिखेगा। लोगों के घर वापस जाने के साथ टेंट सिटी, मंदिरों की प्रतिकृति, स्वास्थ्य शिविर सब कुछ खत्म हो रहा है। कुछ ही महीनों में यहां किसान सब्जियों की खेती करते दिखाई देंगे।” इसी तरह, लोगों के दृष्टि दोष दूर करने और निःशुल्क चश्मा वितरण के लिए सुर्खियों में रहे नेत्र कुंभ का भी टेंट उखाड़ा जा रहा है।

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नेत्र कुंभ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर प्रवीण रेड्डी ने बताया, “हमने 42 पंजीकरण काउंटर खोले थे और छह जनवरी से 27 फरवरी तक 40 डाक्टरों की टीम और अन्य कर्मचारियों ने दो लाख से अधिक मरीजों के आंखों का परीक्षण किया।” उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को नेत्र कुंभ पहुंचे और डाक्टरों के साथ संवाद कर उनका आभार प्रकट किया। 

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