Edited By Anil Kapoor,Updated: 29 May, 2024 08:10 AM
Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी की आपराधिक अपील पर सुनवाई तीन जून तक के लिए टाल दी। अंसारी ने गाजीपुर की एक अदालत द्वारा गैंगस्टर कानून के तहत एक मामले में सुनाई गई सजा को चुनौती दी है। अफजाल के...
Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी की आपराधिक अपील पर सुनवाई तीन जून तक के लिए टाल दी। अंसारी ने गाजीपुर की एक अदालत द्वारा गैंगस्टर कानून के तहत एक मामले में सुनाई गई सजा को चुनौती दी है। अफजाल के खिलाफ यह मामला, भाजपा सांसद कृष्णानंद राय की 2005 में हत्या के बाद दर्ज किया गया था। मौजूदा आपराधिक अपील के साथ ही यह अदालत इसी मामले में अफजाल की सजा बढ़ाने की राज्य सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की अपील पर भी सुनवाई कर रही है।
अदालत ने 29 अप्रैल, 2023 को अफजाल को गैंगस्टर कानून के मामले में दोषी करार दिया था
मिली जानकारी के मुताबिक, सुनवाई के दौरान, अफजाल के वकील ने पीयूष कुमार राय और राज्य सरकार द्वारा दायर की गई अपील के संबंध में आपत्ति दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा जिस पर न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने उन्हें एक सप्ताह का समय दिया और इस मामले में अगली सुनवाई तीन जून को करने का निर्देश दिया। गाजीपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने 29 अप्रैल, 2023 को अफजाल को गैंगस्टर कानून के मामले में दोषी करार दिया था और उसे चार साल की जेल की सजा सुनाई थी एवं एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। एमपी-एमएलए अदालत ने अफजाल के भाई मुख्तार अंसारी को भी दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद, अफजाल सांसद के तौर पर अयोग्य हो गए जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में मौजूदा आपराधिक अपील दायर की।
अफजाल अंसारी की आपराधिक अपील पर सुनवाई 3 जून तक के लिए टली
बताया जा रहा है कि उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई, 2023 को पांच बार के विधायक और दो बार के सांसद अफजाल को जमानत दे दी, लेकिन इस मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप उनकी सांसदी बहाल नहीं हुई। साथ ही वह भविष्य में चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए क्योंकि उन्हें सुनाई गई सजा दो वर्ष से अधिक की थी। बाद में उच्चतम न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी जिसके परिणाम स्वरूप उनकी सांसदी बहाल हो गई और वह लोकसभा चुनाव लड़ने के योग्य हो गए। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय में लंबित आपराधिक अपील पर तेजी से सुनवाई करने और 30 जून तक इस पर निर्णय करने का निर्देश दिया।