Edited By Ajay kumar,Updated: 21 Feb, 2020 11:26 AM
उत्तर प्रदेश सरकार भले नकल विहीन यूपी बोर्ड इंटर परीक्षा 2020 के कराने के दवावे करती हो लेकिन प्रदेश में शिक्षा माफिया इस कदर हावी है। कि वे अपने मनसूबे में कामयाब हो ही जाते है।
मऊ: उत्तर प्रदेश सरकार भले नकल विहीन यूपी बोर्ड इंटर परीक्षा 2020 के कराने के दवावे करती हो लेकिन प्रदेश में शिक्षा माफिया इस कदर हावी है। कि वे अपने मनसूबे में कामयाब हो ही जाते है। ऐसा ही मामला मऊ जनपद से सामने आया है। गुरुवार की दोपहर लगभग 12 बजे दूसरी पाली में इण्टरमीडिएट की भौतिक विज्ञान का प्रश्न साल्व पेपर वाट्सअप ग्रुपों पर वायरल हो गया जिससे अधिकारियों के होश उड़ गए।
मौके पर बीएसए और डीआईओएस ने जांच शुरू की तो पता चला कि तीन में से एक सेट का पेपर आउट हुआ है। पता चला कि एक्स-वाई कोड का पेपर आउट हुआ है। जिलाधिकारी ने जिन 67 केन्द्रों पर इस कोड का पेपर बांटा गया वहां की परीक्षा निरस्त कर दी। वहीं जब अधिकारियों ने जांच में पता चला कि प्राथमिक विद्यालय भटमिला में तैनात शिक्षक ओंकार यादव, जैसवारा भटौली में तैनात शिक्षक प्रिंस कुमार और शिक्षक गोपाल दुबे ने पेपर आउट किया है। सरायलखंसी पुलिस ने ओंकार और प्रिंस को हिरासत में ले लिया है।
ग़ौरतलब है कि यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में केंद्र व्यावस्थापक से लेकर कक्ष निरीक्षकों तक की लापरवाही सामने आई है। रामपुर में लापरवाही के चलते परीक्षार्थियों को हिंदी का गलत पेपर बांट दिया गया। परीक्षार्थियों ने विरोध किया तो उन्हें उसी प्रश्न पत्र को हल करने को कह दिया गया, जिससे परीक्षार्थियों का भविष्य संकट में आ गया है।
वहीं जब मामले की जानकारी डीएम तक पहुंचा तो DM ने जिला विद्यालय निरीक्षक को तलब कर लिया और इस मामले में केंद्र व्यावस्थापक को हटाने व दोषियों पर रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।