Edited By Mamta Yadav,Updated: 22 Feb, 2025 02:06 AM
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इसे रिश्वत कहें या बेईमानी या फिर भ्रष्टाचार अब ये सारे शब्द भी नाकाफी नजर आने लगे हैं। आज के समय में भ्रष्टाचार एक ऐसी चासनी बन चुका है जिसमें चपरासी से लेकर आला अधिकारी तक डूब जाने के लिए बेताब रहते हैं फिर चाहे इस चासनी के चक्कर में उनका दामन ही...
Kaushambi News, (कुलदीप द्विवेदी): इसे रिश्वत कहें या बेईमानी या फिर भ्रष्टाचार अब ये सारे शब्द भी नाकाफी नजर आने लगे हैं। आज के समय में भ्रष्टाचार एक ऐसी चासनी बन चुका है जिसमें चपरासी से लेकर आला अधिकारी तक डूब जाने के लिए बेताब रहते हैं फिर चाहे इस चासनी के चक्कर में उनका दामन ही दागदार क्यों ना हो जाए किन्तु पैसा तो हर हाल में चाहिए। कुछ ऐसा ही मामला कौशांबी जिले के सिराथू विकास खंड के मकनपुरवारी गांव से निकलकर सामने आ रहा है जहां ढाई फिट के सफीर अहमद उर्फ पप्पू का आरोप है कि उनसे आवास देने के नाम पर पंचायत सचिव ने पांच सौ रुपए की रिश्वत ले लिया।
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यकीन मानिए दूसरों की बकरियां चराकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले ढाई फिट के दिव्यांग सफीर अहमद की दास्तां सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। पीड़ित के मुताबिक पक्का मकान ना होने के चलते उनकी पत्नी दो मासूम बच्चियों को छोड़कर घर से चली गई। अब पीड़ित के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। बच्चियों का पेट भरे या छत का बंदोबस्त करें, पत्नी को वापस बुलाने के लिए उसने सरकारी आवास के लिए बाकायदा आवेदन किया आवेदन स्वीकार भी हो गया।
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किंतु जैसे ही आवास का मामला थोड़ा आगे बढ़ा तो पंचायत सचिव पीड़ित के घर पहुंच गए और उन्होंने आवास देने के नाम पर 500 सौ रुपए की रिश्वत की डिमांड कर डाली। जैसे तैसे बेरोजगार पप्पू ने पैसों का इंतजाम कर पंचायत सचिव की झोली में डाल दिया किन्तु अब तक उसे आवास नसीब नहीं हुआ।