Edited By Imran,Updated: 08 May, 2022 04:17 PM
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर उठे विवाद के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नफरत के युग को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं
लखनऊ: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर उठे विवाद के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नफरत के युग को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं, जैसा कि 1990 के दशक में हुआ था। उनके बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सांसद हरनाथ सिंह यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि ओवैसी दूसरा जिन्ना बनने की कोशिश कर रहे हैं। उनके उपर देशद्रोह का मुकदमा लगाकर जेल भेज देना चाहिए।
वहीं, यादव ने कहा कि जहां तक वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण का सवाल है। कोई भी व्यक्ति और संस्था अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र है। जब निचली अदालत के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी, तो अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने आग कहा कि स्थानीय अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था, जिसे बाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। मस्जिद का सर्वेक्षण करने में ओवैसी के डर पर सवाल उठाते हुए, सांसद ने उस सच्चाई के बारे में पूछा, जिसे सर्वेक्षण के माध्यम से उजागर किया जाएगा।
यादव ने 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए राम जन्मभूमि फैसले का उदाहरण दिया, जिसे सभी समुदायों के लोगों और प्रतिनिधियों ने व्यापक रूप से स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को स्थानीय अदालत के आदेश को इसी तरह स्वीकार करना चाहिए। जिस तरह से मुस्लिम भाइयों ने राम जन्मभूमि फैसले के फैसले पर देश के भीतर सांप्रदायिक सद्भाव पैदा किया और उसे स्वीकार किया। उसी तरह स्थानीय अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी के सर्वेक्षण की अनुमति दी जानी चाहिए।