Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 01 Mar, 2019 11:57 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कुछ सरकारी विश्वविद्यालयों, कालेजों व अन्य संस्थानों में छात्रों की गुंडागर्दी से माहौल खराब होने पर बृहस्पतिवार को गहरी नाराजगी जताई। अदालत ने सरकार को कानून...
लखनऊः इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कुछ सरकारी विश्वविद्यालयों, कालेजों व अन्य संस्थानों में छात्रों की गुंडागर्दी से माहौल खराब होने पर बृहस्पतिवार को गहरी नाराजगी जताई। अदालत ने सरकार को कानून बनाकर इन संस्थानों की गरिमा को बचाने और पढ़ाई का माहौल दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि इस संबध में छह महीने में जरूरी कानून बनाया जाए। अदालत ने यह भी कहा कि कानून बनाते समय लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से आए सुझावों पर भी विचार किया जाये और जब तक इस दिशा में कानून नहीं बनता तब तक इन्हीं सुझावों पर अमल किया जाए।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ एवं न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की पीठ ने लखनऊ विश्वविद्यालय में चार जुलाई 2018 को हुई गुंडागर्दी के बाद घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए यह निर्देश जारी किये।