Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Jul, 2022 11:59 AM
त्तर प्रदेश में सावन माह के दूसरे सोमवार को भी का भक्तिमह माहौल बना हुआ है। पांचाल घाट गंगा तट पर लाखो कावंड़ियों का जन सैलाब उमड़ा है। गंगा तट पर आस पास के दर्जनों जिलो के लोग...
फर्रुखाबादः उत्तर प्रदेश में सावन माह के दूसरे सोमवार को भी का भक्तिमह माहौल बना हुआ है। पांचाल घाट गंगा तट पर लाखो कावंड़ियों का जन सैलाब उमड़ा है। गंगा तट पर आस पास के दर्जनों जिलो के लोग अपने अपने वाहनों से जत्था के रूप में पांचाल घाट पर पहुंचते हैं। यहां पर सभी शिव भक्त पहले तो रात में कांवर तैयार करते उसको सजाते हैं।भगवान शिव को जो वस्तु पसंद होती है उसको कांवर में लगाते है।
बता दें के कांवड़ तैयार करने के बाद शिव भगत भगवा रंग के कपड़े पहनते हैं और रात 12 बजे के बाद से जल भरना शुरू कर देते है।भगवान की भक्ति में डीजे की धुन पर जमकर डांस करते है।वही बहुत से भक्तगण अपनी टोली में भगवान शिव व पार्वती के स्वरूप में झांकिया बनाकर निकालते है और नृत्य भी करते है।
फर्रुखाबाद बनारस के बाद दूसरा काशी है। इसी बजह से इसको अपरा काशी है। यहा शाहजहांपुर, बरेली, लखीमपुर, हरदोई, इटाबा, औरैया, कन्नौज, एटा, भिण्ड, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बदायूं, आदि जनपदों जिलों में से लाखों की संख्या में शिव भक्त गंगा जल भरने आते है। जिस समय कांवरिया जल भरकर निकलते है उस समय उनके जयकारों के आगे लोग अपना काम भूल जाते है। चारो तरफ केवल शिव के जयकारे सुनाई देते है। गंगा तट केवल एक ही रंग भगवा रंग में रंगा दिखाई देता है।
यहां कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए पुलिस ने कड़े इंतजाम किए है। ताकि यदि कोई यात्री रास्ते में घायल हो जाता है, तो उसको तत्काल अस्पताल भेजा जा सके। इसके लिए एम्बुलेंस का भी इंतजाम किया गया है।