बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'देश कानून से चलता है, ऐसी कार्रवाई कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा होगा'

Edited By Pooja Gill,Updated: 13 Sep, 2024 09:29 AM

on bulldozer action supreme court

UP News: बुलडोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा अपराध में कथित संलिप्तता किसी संपत्ति को ध्वस्त करने का आधार नहीं, इस तरह की कार्रवाई देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा होगा...

UP News: बुलडोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा अपराध में कथित संलिप्तता किसी संपत्ति को ध्वस्त करने का आधार नहीं, इस तरह की कार्रवाई देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा होगा। जस्टिस ऋषिकेश राय की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने आदेश मे कहा कि ऐसे देश में जहां राज्य की कार्रवाई कानून के शासन द्वारा संचालित होती हैं। ऐसे मे परिवार के किसी सदस्य द्वारा किया गया कानून का उल्लंघन परिवार के अन्य सदस्यों या उनके कानूनी रूप से बनाए गए आवास के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता।

'ऐसी कार्रवाई कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा होगा'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपराध में कथित संलिप्तता किसी संपत्ति को ध्वस्त करने का कोई आधार नहीं है। इसके अलावा कथित अपराध को न्यायालय में उचित कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से साबित करना होगा, क्योंकि न्यायालय ऐसे विध्वंस की धमकियों से अनभिज्ञ नहीं हो सकता है। जिसकी ऐसे राष्ट्र में कल्पना नहीं की जा सकती, जहां कानून सर्वोच्च नहीं है तो ऐसी कार्रवाई कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा होगा।

गुजरात सरकार को किया गया नोटिस जारी
दरअसल, गुजरात में एक परिवार के सदस्य के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद घर को गिराने की धमकी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेशों तक यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देते हुए नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट मे याचिका करने वाले याचिकाकर्ता गुजरात के खेड़ा जिले के जावेद अली महबूब मिया सईद के वकील ने कोर्ट से कहा कि काठलाल गांव के राजस्व रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि वह उस भूमि जहा मकान बना हुआ था, उसका सह-स्वामी है। वह ग्राम पंचायत द्वारा 21 अगस्त को पारित प्रस्ताव का हवाला दिया। जिसमें उक्त भूमि पर घर बनाने की अनुमति दी गई थी। इसके अलावा याचिकाकर्ता के परिवार की तीन पीढ़ियां पिछले लगभग दो दशकों से घरों में रह रही हैं।

एक सितंबर को FIR दर्ज की गई
वहीं, परिवार के एक सदस्य के खिलाफ एक सितंबर को FIR दर्ज की गई। जिसके बाद नगर निगम के अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के परिवार के घर को बुलडोजर से गिराने की धमकी दी। याचिकाकर्ता ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 333 के तहत छह सितंबर को नडियाद, खेड़ा जिले के डिप्टी एसपी को संबोधित शिकायत करते हुए यह स्पष्ट किया गया कि अपराध के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कानून को अपना काम करना चाहिए। साथ ही याचिकाकर्ता ने दो सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया।जिसमें अपराध के आरोपियों के घरों को बुलडोजर से गिराने की इसी तरह की धमकियों के लिए अदालत पूरे भारत के लिए गाइडलाइन बनाने की बात कही गई। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।

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