Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 27 Apr, 2021 11:21 AM
कोरोना संकट के दौर को निर्दयिता का भी दौर कहें तो गलत नहीं होगा। दरअसल इस दौर में जान है तो जहान के साथ ही इंसानियत से है इंसान को लेकर चलना है मगर मानवता को शर्मसार
जौनपुरः कोरोना संकट के दौर को निर्दयिता का भी दौर कहें तो गलत नहीं होगा। दरअसल इस दौर में जान है तो जहान के साथ ही इंसानियत से है इंसान को लेकर चलना है मगर मानवता को शर्मसार करने वाली कई तस्वीरें बताती हैं कि आज के इस कोरोना संकट की घड़ी में इंसानित खुद ही वेंटिलेटर पर है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर का है। जहां सोमवार को एक बुजुर्ग अपनी पत्नी के शव को साइकिल पर लेकर कड़ी दोपहरिया में भटकता रहा।
दरअसल मामला जिले के मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के अमरपुर गांव का है। गांव वालों के इस कृत्य की जब पुलिस को सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंचकर शव का रामघाट पर दाह संस्कार करवाया। निर्दयी गांववालों ने पहले तो कंधा देनें से मना कर दिया इतना ही नहीं जब बुजुर्ग अकेले ही शव को साइकिल से लेकर निकला तो ग्रामीणों ने उसे अंतिम संस्कार करने से भी रोक दिया।
आगे बता दें कि तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी काफी दिनों से बीमार चल रही थीं। सोमवार को अचानक तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो पति ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने न तो बेड दिया न ही दवाई। इसके कारण उनकी मौत हो गई। इसके बाद गांव वालों ने कंधा देने से मना कर दिया, अभी नदी किनारे चिता भी नहीं सजी थी कि ग्रामीणों ने मानवता को तार-तार करते हुए शव जलाने से भी रोक दिया। ऐसे में कोतवाल इंस्पेक्टर मुन्ना राम धुसियां ने देखरेख में शव का अंतिम संस्कार करवाया।