Edited By Anil Kapoor,Updated: 13 Jul, 2018 08:14 AM
यदि आपका कोई अपना परिचित हादसे के बाद लापता हो जाता है तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब आप हैल्प मी डियर एप से उसका पता लगा सकते हैं, इतना ही नहीं यदि कोई लापता मिलता है तो आप उसका फोटो इस एप पर अपलोड कर सकते हैं, ताकि उसकी लोकेशन मिल सके।
सहारनपुर: यदि आपका कोई अपना परिचित हादसे के बाद लापता हो जाता है तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब आप हैल्प मी डियर एप से उसका पता लगा सकते हैं, इतना ही नहीं यदि कोई लापता मिलता है तो आप उसका फोटो इस एप पर अपलोड कर सकते हैं, ताकि उसकी लोकेशन मिल सके। दरअसल इस एप में घायल या लापता व्यक्ति की फोटो डालते ही उसकी लोकेशन, फोटो अपलोडिंग की डेट और समय इस एप को इस्तेमाल करने वाला हर शख्स देख सकेगा। यह एप बिछड़ों को अपनों से मिलाएगी। मुश्किल में मदद मिलने से आसानी होगी। अब तक लापता व्यक्ति की फोटो बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर लगा देते थे। उसमें उसका पूरा पता लिख दिया जाता है। इसके बावजूद भी वह नहीं मिल पाता। इस नए एप से लापता व्यक्ति की फोटो डालते ही उसकी लोकेशन मिल जाएगी
स्मार्टफोन का होना जरूरी
हैल्प मी डियर एप को डाऊनलोड करने के लिए स्मार्टफोन होना जरूरी है, क्योंकि यह एप बिना स्मार्टफोन के अलावा डाऊनलोड नहीं होगा। स्मार्टफोन से आप इस एप को बिना किसी परेशानी के प्ले स्टोर से डाऊनलोड कर सकते हैं। इतना ही नहीं लोकेशन पता लगाने के लिए जी.पी.एस. का होना भी अनिवार्य है।
लावारिस मरीजों की शिनाख्त में होगी आसानी
हैल्प मी डियर एप से लावारिस मरीजों की शिनाख्त करना अब और आसान हो जाएगा। इस एप के जरिए जिला अस्पताल में लावारिस मरीजों की शिनाख्त की जा सकती है। एप लोगों का रिकॉर्ड तैयार कर स्वास्थ्य विभाग व पुलिस प्रशासन अपलोड करेगा।
ऐेसे काम करेगी एप
- लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर्स ने हैल्प मी डियर एप को डिवैल्प किया है।
- यह 6.5 एम.बी. की एप है, जिसे गूगल प्ले स्टोर से स्मार्टफोन में आसानी से डाऊनलोड कर सकते हैं।
- यूजर नेम, मोबाइल नंबर और पासवर्ड डालकर इस पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- इसके बाद कोई भी यूजर इस एप के जरिए गुमशुदा व्यक्ति की फोटो अपलोड कर सकता है।
- लोकेशन के लिए जी.पी.एस. का होना अनिवार्य है।
- इस एप के माध्यम से खोए हुए सामान और बच्चों को ढूंढने में भी मदद मिलेगी।
- इससे यह भी जानकारी मिल जाएगी कि इस फोटो को कहा और कब अपलोड किया गया है। पता और फोन नंबर होने से संपर्क किया जा सकता है।
- मेडीकल कॉलेज और जिला अस्पताल में आने वाले लावारिस मरीजों की शिनाख्त के लिए इस एप का प्रयोग किया जाएगा।
- स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन एपे लोगों का रिकार्ड तैयार कर इस एप पर अपलोड करेगा।