Noida International Airport: यात्रियों के आवागमन के लिए चालक रहित 'पॉड टैक्सी' चलाने पर हो रहा विचार

Edited By Umakant yadav,Updated: 07 Mar, 2021 02:26 PM

noida international airport consideration of running driverless  pod taxi

मुख्यमंत्री भविष्योन्मुखी परिवहन माध्यमों के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं और इस मार्ग पर पॉड टैक्सी चलाना मेट्रो के मुकाबले अधिक व्यावहारिक है क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल है, किफायती है और दूर तक जाने में सक्षम है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में बनने जा...

नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में बनने जा रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यात्रियों के आवागमन के लिए चालक रहित व्यक्तिगत त्वरित परिवहन (पीआरटी) या ‘पॉड टैक्सी' चलाने पर विचार किया जा रहा है। भाजपा नेता और जेवर से विधायक धीरेन्द्र सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक वाली ‘पॉड टैक्सी' का कई पश्चिमी देशों में इस्तेमाल किया जाता है और यह किफायती, पर्यावरण के अनुकूल तथा सुविधाजनक होती हैं। एक दिन पहले सिंह ने पॉड टैक्सी चलाने वाली कंपनी अल्ट्रा पीआरटी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि जेवर से ग्रेटर नोएडा के बीच टैक्सी पॉड चलाने के विचार से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत करा दिया गया है।

सिंह ने कहा, “मुख्यमंत्री भविष्योन्मुखी परिवहन माध्यमों के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं और इस मार्ग पर पॉड टैक्सी चलाना मेट्रो के मुकाबले अधिक व्यावहारिक है क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल है, किफायती है और दूर तक जाने में सक्षम है।” उन्होंने कहा, “पॉड टैक्सियों में दुर्घटना की संभावना नगण्य है। इनमें कार्बन उत्सर्जन नहीं होता क्योंकि ये बैटरी से चलती हैं। इस मार्ग पर इस प्रणाली को दो महीने में स्थापित किया जा सकता है। एक टैक्सी में पांच से छह यात्री बैठ सकते हैं इसलिए यह बसों से भी अधिक व्यावहारिक हैं जिनमें सीटें खाली रहती हैं।”

अल्ट्रा पीआरटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारत और पश्चिम एशिया) नितिन कुमार ने कहा कि पॉड टैक्सी के लिए प्रणाली के निर्माण में मेट्रो के मुकाबले पांच गुना कम खर्च आयेगा। सिंह ने कहा कि हवाई अड्डे के अलावा यमुना एक्सप्रेसवे पर जेवर में फिल्म सिटी भी बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि वृन्दावन तक एक धरोहर शहर विकसित किया जा रहा है और कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां इस क्षेत्र में प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना बना रही हैं जिससे पॉड टैक्सी के परिचालन का विकल्प व्यावहारिक सिद्ध होगा।

उल्लेखनीय है कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले चरण का कार्य चल रहा है। परियोजना अधिकारियों के अनुसार, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण चार चरणों में पूरा होगा और पांच हजार हेक्टेयर में बन जाने के बाद पांच से छह रनवे वाला यह सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। अधिकारियों ने बताया कि 29,560 करोड़ रुपये की लागत से स्विस कंपनी ‘ज्युरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी' इस हवाई अड्डे का निर्माण कर रही है।

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