Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 07 Jan, 2021 10:38 AM
मुरादनगर के शमशान घाट हादसे मामले में 14 साल के बच्चे की बहादुरी के चर्चे सभी जगह हो रहे हैं। नौवीं क्लास में पढ़ने वाला अंश भी उसी हादसे का शिकार हुआ था, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई। घटना के दिन मासूम अंश मलबे के नीचे दब गया था। जब होश आया तो खुद...
गाजियाबाद: मुरादनगर के शमशान घाट हादसे मामले में 14 साल के बच्चे की बहादुरी के चर्चे सभी जगह हो रहे हैं। नौवीं क्लास में पढ़ने वाला अंश भी उसी हादसे का शिकार हुआ था, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई। घटना के दिन मासूम अंश मलबे के नीचे दब गया था। जब होश आया तो खुद के ऊपर मलबा और आसपास में कई लाशों का मंजर देखने के बाद भी अंश ने हिम्मत दिखाई। किसी तरह से उसने अपने भाई को फोन किया और बताया कि भाई "मैं मलबे के नीचे फंसा हुआ हूं, मुझे बचा लो।"
अंश ने बताया कि जब काफी देर हो गई तो उन्होंने आगे भी खुद को बचाने की कोशिश जारी रखी। पास में अंश के अंकल की लाश पड़ी हुई थी उसने अंकल को उठाने की कोशिश की, लेकिन उनके मुंह से बहता हुआ खून देखकर अंश समझ गए कि वह अब इस दुनिया में नहीं है। इसके बाद मलबे के नीचे से ही किनारे तक पहुंचे और शोर मचाकर लोगों से मदद मांगी मलबे के बाहर खड़े एक युवक ने अंश को देखा और अंश की जान बचाई। अंश के पिता पुलिस में कार्यरत हैं। अंश बताते हैं, कि वो आर्मी में जाना चाहते हैं। अंश के पिता यशपाल और मां वीना कहती हैं, कि बेटा जो बनना चाहे वो बन सकता है। उन्हें बेटे पर गर्व है।