Edited By Pooja Gill,Updated: 12 Sep, 2024 09:42 AM
Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की गाजीपुर स्थित 12 करोड़ रुपए की संपत्तियां अब सरकारी संपत्ति बन गई है। आयकर विभाग बेनामी संपत्ति विरोधी कानून के तहत गठित न्यायाधिकरण ने 2023 में की गई कुर्की कार्रवाई की पुष्टि की है...
Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की गाजीपुर स्थित 12 करोड़ रुपए की संपत्तियां अब सरकारी संपत्ति बन गई है। आयकर विभाग बेनामी संपत्ति विरोधी कानून के तहत गठित न्यायाधिकरण ने 2023 में की गई कुर्की कार्रवाई की पुष्टि की है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में 'सदर तहसील के अंतर्गत मौजा कपूरपुर एन.जेड.ए.' स्थित अचल संपत्ति एक ‘बेनामी' संपत्ति है। लखनऊ स्थित आयकर विभाग की जांच शाखा ने बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत अप्रैल 2023 में इस संपत्ति को कुर्क करने के लिए एक अनंतिम आदेश जारी किया था। यह संपत्ति, एक भूखंड है जिसका अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 12 करोड़ रुपये है।
विभाग अब इस संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई करेगा
आयकर विभाग के आदेश के अनुसार, इस मामले में “बेनामीदार” (जिसके नाम पर बेनामी संपत्ति है) की पहचान अंसारी के कथित सहयोगी और पड़ोसी गणेश दत्त मिश्रा के रूप में की गई है। इसमें कहा गया है कि जमीन के असल मालिक अंसारी थे। सूत्रों ने बताया कि कर विभाग अब इस संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई शुरू करेगा। अंसारी का इस साल मार्च में बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से 63 साल की उम्र में निधन हो गया था।
प्राधिकरण ने विभाग को दिया ये निर्देश
मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी 2005 से उत्तर प्रदेश और पंजाब की जेलों में बंद रहे थे। उनके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे। उन्हें सितंबर 2022 से उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों द्वारा आठ मामलों में सजा सुनाई गई थी और वह बांदा जेल में बंद थे। न्याय निर्णय प्राधिकारी ने माना है कि अंसारी अपने कानूनी उत्तराधिकारियों अफसान अंसारी, उमर अंसारी और अब्बास अंसारी के माध्यम से संपत्ति के मालिक थे। प्राधिकरण ने विभाग को इस संपत्ति के शेष हिस्से को कुर्क करने के लिए “तत्काल कदम” उठाने का भी निर्देश दिया।