Edited By Ramkesh,Updated: 22 Jun, 2024 01:00 PM
उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पेपर लीक मामले को लेकर छात्रों को भरोसा दिलाया है कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले को अब भारी पड़ेंगा। उन्होंने ट्वीट कहा कि देश व प्रदेश के छात्रों का भविष्य सुनहरा और सुरक्षित बनाने...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पेपर लीक मामले को लेकर युवाओं को भरोसा दिलाया है कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। उन्होंने ट्वीट कहा कि देश व प्रदेश के छात्रों का भविष्य सुनहरा और सुरक्षित बनाने तथा उनकी कड़ी मेहनत को निष्पक्ष रूप से मुकाम तक पहुंचाने के लिए मोदी सरकार दृढ़ संकल्पित है।
भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि इसी के अंतर्गत पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। नया कानून लागू होने से अब पेपर लीक, भर्ती परीक्षा में अनियमितता जैसे अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ सरकार सख्त प्रावधानों के तहत कार्यवाही करेगी।
दरअसल, नीट, यूजीसी-नेट परीक्षाओं को लेकर विवाद के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 अधिसूचित कर दिया, जिसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है। इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगभग चार महीने पहले अधिनियम को मंजूरी दी थी, जिसके बाद कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि कानून के प्रावधान 21 जून से लागू हो जाएंगे। यूजीसी-नेट, 2024 परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने को लेकर जारी विवाद के बीच यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने की जांच के लिए बृहस्पतिवार को मामला दर्ज किया था। विपक्षी दलों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया है, जिसके परिणाम एनटीए ने चार जून को घोषित किए थे। अधिसूचना में कहा गया है, "लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार 21 जून, 2024 को उक्त अधिनियम लागू करती है।