Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 04:17 PM
बसपा अध्यक्ष मायावती ने आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं करने की....
लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यह बयान वास्तव में भाजपा की कथनी और करनी में व्यापक अंतर के स्वभाव को साबित करता है।
मायावती ने एक बयान में प्रधानमंत्री द्वारा रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं करने की टिप्पणी पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए जानना चाहा कि वर्ष 1992 में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर 6 दिसम्बर को अयोध्या में अदालत, कानून तथा संविधान का उल्लंघन करते हुए सरकारी संरक्षण में हुई हिंसा तथा विध्वंस को क्या कहा जाएगा और क्या भाजपा नेतृत्व उसके लिए देश से माफी मांगेगा ?
बसपा प्रमुख ने कहा कि अगर मोदी की बात में थोड़ी भी सच्चाई और ईमानदारी होती तो पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सख्त कानूनी तथा संवैधानिक रुख को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को अब तक बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था। मगर ऐसा नहीं किया गया।
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लोगों को याद दिलाया कि वह 15 अगस्त को लाल किले से अपने सम्बोधन में भी कह चुके हैं कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आस्था के नाम पर हिंसा की कोई जगह नहीं है, लेकिन हरियाणा की ताजा घटना यह साबित करती है कि उनकी पार्टी की सरकार पहली ही परीक्षा में बुरी तरह से नाकाम साबित हुई है।