Edited By Ruby,Updated: 10 Nov, 2018 10:35 AM
''पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने सपनों को, उनके किस्मत के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते।'' किसी ने ठीक कहा है कि मेहनत ही सफलता की पूंजी होती है और आप अपनी मेहनत से असंभव को भी संभव बना सकते हैं। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है मेरठ के सौरभ...
मेरठः 'पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने सपनों को, उनके किस्मत के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते।' किसी ने ठीक कहा है कि मेहनत ही सफलता की पूंजी होती है और आप अपनी मेहनत से असंभव को भी संभव बना सकते हैं। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है मेरठ के सौरभ चौधरी ने।
दरअसल, 16 साल के शूटर सौरभ चौधरी ने दीवाली पर 11वीं एशियन एयर पिस्टल चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। एशियाड के बाद सौरभ चौधरी का यह चौथा स्वर्ण पदक है। गोल्ड मेडल जीतने का पता लगने के बाद सौरभ के परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। सौरभ के परिवार वालों ने गांव में मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई।
ज्ञात हो कि 3 महीने में सौरभ चौधरी की यह चौथी उपलब्धि है। सौरभ इससे पहले जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स में देश के लिए गोल्ड, दक्षिण कोरिया में आयोजित वर्ल्डकप में सोने का तमगा और फिर अर्जेन्टीना में हुए यूथ ओलिम्पक में सोना जीतकर देश का नाम रोशन कर चुके हैं। सौरभ ने बागपत के बिनौली गांव की शाहमल शूटिंग रेंज में सटीक निशाना लगाने के गुर सीखे हैं। सौरभ के परिवार में पिता जगमोहन, मां ब्रजेश, बड़ा भाई नितिन, बहन साक्षी और सबसे छोटा सौरभ है।जगमोहन खेती कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं।