Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Sep, 2018 04:44 PM
बसपा प्रमुख मायावती ने आज कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का कुछ हद तक स्वागत है...
लखनऊः बसपा प्रमुख मायावती ने आज कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का कुछ हद तक स्वागत है।
शीर्ष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया में मायावती ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और केन्द्र एवं राज्य सरकारों से इसे लागू करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि राज्यों के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है कि वे पिछड़ेपन के आंकड़े एकत्र करें, जैसा 2006 में था। राज्यों को यह फैसला सकारात्मक रूप से लेना चाहिए।
मायावती ने कहा कि हमने लगातार संविधान संशोधन की बात की है, जिसे राज्यसभा ने पारित कर दिया था लेकिन अफसोस की बात है कि खुद को अनुसूचित जाति एवं जनजाति का हितैषी बताने वाली भाजपा ने चार साल बीत जाने पर भी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने केन्द्र सरकार से कहा कि अगर वह खुद को वास्तव में अनुसूचित जाति एवं जनजाति का हितैषी मानती है तो उसे राज्यों और संबद्ध विभागों को पत्र भेजकर कहना चाहिए कि वे इस फैसले को सकारात्मक ढंग से लें और इसका कार्यान्वयन करें। मायावती ने कहा कि बेहतर होगा कि केन्द्र सरकार संविधान संशोधन पारित कराये, ताकि इस मुद्दे का हमेशा के लिए समाधान हो जाए।