Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Jun, 2019 11:02 AM
मायावती और अखिलेश के अलग-अलग रास्ते देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि सपा-बसपा गठबंधन टूटने की कगार पर आ गया है। ऐसे में सभी पार्टियों के नेता इसपर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी कड़ी में अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी...
बलियाः मायावती और अखिलेश के अलग-अलग रास्ते देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि सपा-बसपा गठबंधन टूटने की कगार पर आ गया है। ऐसे में सभी पार्टियों के नेता इसपर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी कड़ी में अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए हुआ था न कि परमानेंट था। जब चुनाव आते है तो गठबंधन होता है, जब चुनाव खत्म हो जाते है तो गठबंधन टूट जाता है।
अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल और नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को मंत्रिमंडल में शामिल न करने पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि आजादी के बाद से ही पिछड़ों की उपेक्षा हुई है। आज भी हो रही है। ये पिछड़े समझ नहीं पा रहे है। जब समय था, तब इनको अकल नहीं आई। जब समय बीत गया, अब इनको अकल आ रही है कि इनको हिस्सेदारी नहीं मिली। चाहे अनुप्रिया हो चाहे नीतीश हो इनको पहले हिस्सेदारी तय कर लेना चाहिए था। मंत्रिमंडल में 54 फीसदी हिस्सेदारी पिछड़ों की होनी चाहिए।