Edited By Anil Kapoor,Updated: 15 Jul, 2018 03:16 PM
किसी जनप्रतिनिधि का उसके निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद होना जब अपने आप में खबर बन जाए तो समझा जा सकता है कि जनता और जनप्रतिनिधि के बीच दूरियां कितनी ज्यादा हैं। मथुरा की जनता 10 साल से भी अधिक समय से समाचार माध्यमों में यह जानकारी जुटाती रही है कि....
मथुरा: किसी जनप्रतिनिधि का उसके निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद होना जब अपने आप में खबर बन जाए तो समझा जा सकता है कि जनता और जनप्रतिनिधि के बीच दूरियां कितनी ज्यादा हैं। मथुरा की जनता 10 साल से भी अधिक समय से समाचार माध्यमों में यह जानकारी जुटाती रही है कि उनका सांसद मथुरा में मौजूद है
विगत करीब 15 साल से बाकायदा सूचना विभाग समाचार माध्यमों को इस तरह की विज्ञप्ति जारी करता रहा है जिममें मथुरा सांसद के अपने निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद होने की सूचना दी जाती है। मथुरा की जनता इसकी आदी हो चुकी है। सूचना विभाग ने एक बार फिर सूचना जारी की है कि सांसद हेमा मालिनी शनिवार देर रात मथुरा आ रही हैं। वह 4 दिन यानी 17 जुलाई तक अपने क्षेत्र की जनता के बीच रहेंगी। वह यहां पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगी और पब्लिक के कार्यक्रमों में भाग लेंगी।
रविवार को प्रात: 10 से 12 बजे तक पदाधिकारियों के साथ बैठक, सायं स्थानीय लोगों से मुलाकात करेंगी। सोमवार सुबह आर.सी.ए. गर्ल्स डिग्री कॉलेज में रोजगार मेले का उद्घाटन करेंगी। 11.30 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर हृदय योजना के कार्यों का शुभारंभ करेंगी। दोपहर में स्थानीय लोगों से मुलाकात करेंगी। मंगलवार को गोवर्धन में ब्रज तीर्थ विकास परिषद के साथ पौधारोपण करेंगी। सांसद हेमा मालिनी से पार्टी कार्यकर्ताओं का मिलना भी इतना आसान नहीं है, ऐसे में आम आदमी अपनी फरियाद लेकर सांसद तक कैसे पहुंच सकता है।
जयंत चौधरी से मिलना भी जनता के लिए था मुश्किल
सांसद हेमा मालिनी से पहले मथुरा के सांसद रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी थे। जयंत चौधरी अधिकांश समय तक जनता से दूरी बनाए रहे। यहां तक कि पार्टी कार्यकर्ताओं की पहुंच भी उन तक बेहद मुश्किल हो गई थी। इसके बाद सांसद जयंत फिर चुनाव लड़े लेकिन हार गए।
मानवेंद्र सिंह भी अधिकांशत: दिल्ली में रहते हैं
जयंत चौधरी से पहले मानवेंद्र सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे, वह भी अधिकांश समय दिल्ली में मौजूद रहते हैं लेकिन उनका परिवार मथुरा में डैम्पीयर नगर में रहता है, इसलिए जनता की नाराजगी उपलब्धता को लेकर ज्याद मुखर नहीं हुई थी।
फिर चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे जयंत चौधरी और हेमा मालिनी
रालोद के पार्टी सूत्रों का दावा है कि अगर लोकसभा चुनाव में गठबंधन हुआ तो मथुरा सीट रालोद के हिस्से में आएगी और जयंत चौधरी मथुरा से चुनाव लड़ेंगे। इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है। दूसरी ओर सांसद हेमा मालिनी खुद घोषणा कर चुकी हैं कि अगर वह चुनाव लड़ेंगी तो मथुरा से, नहीं तो चुनाव ही नहीं लड़ेंगी।