Edited By Ajay kumar,Updated: 12 Mar, 2024 05:03 PM
लखीमपुर की कवियत्री मधुमिता हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी एक बार फिर आरोपों में घिर गए हैं। मोहल्ला हाथीपुर निवासी मधुमिता की बहन निधि शुक्ला का आरोप है कि सोमवार की तड़के उनके घर के बाहर तेज धमाका हुआ।
लखीमपुर खीरीः लखीमपुर की कवियत्री मधुमिता हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी एक बार फिर आरोपों में घिर गए हैं। मोहल्ला हाथीपुर निवासी मधुमिता की बहन निधि शुक्ला का आरोप है कि सोमवार की तड़के उनके घर के बाहर तेज धमाका हुआ। उन्हें लगा कि बम का धमाका है। इससे वह डर गईं और दरवाजे बंद कर लिए। उन्होंने अपनी जान का खतरा जताया है।
अमरमणि त्रिपाठी ने ही घर पर हमला करवायाः निधि
उनका कहना है कि उन्होंने अपनी बहन के कातिल पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया है। इससे नाराज अमरमणि त्रिपाठी ने ही उनके घर पर हमला करवाया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की। इस दौरान पुलिस को 32 बोर का कारतूस मिला है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
कमरे में सो रहीं थीं तभी घर के बाहर हुआ जोरदार धमाकाः निधि
शहर के मोहल्ला मिश्राना निवासी निधि शुक्ला ने बताया कि वह रविवार की रात अपने कमरे में सो रहीं थीं। सोमवार की तड़के करीब तीन बजे घर के बाहर जोर से धमाका हुआ। इससे वह काफी डर गईं और कमरे की कुंडी अंदर से लगा ली। इसके बाद गनर को फोन किया। गनर के आने पर उन्होंने दरवाजा खोला। तब तक मोहल्ले के भी तमाम लोग आ गए। उन्होंने गनर से यूपी 112 नंबर पर कॉल कराई। यूपी 112 पुलिस और मिश्राना चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के पहुंचने पर वह घर से बाहर निकलीं और एसपी गणेश प्रसाद साहा सहित अन्य उच्च अफसरों को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। घर पर लगी गारद से भी पूछताछ की, लेकिन कुछ भी साफ नहीं हो सका। सुबह सीओ सिटी रमेश कुमार तिवारी और प्रभारी निरीक्षक सदर अंबर सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।
मधुमिता हत्याकांड में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अमरमणि समेत 4 लोगों को सुनाई है उम्रकैद
लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई 2003 को लखीमपुर शहर के मोहल्ला मिश्राना निवासी कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या हुई थी। मधुमिता पेपर मिल कॉलोनी में अकेली रहती थीं। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी। इस दौरान पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी पर गवाहों को धमकाने के आरोप लगे थे। इस पर मुकदमा देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट को स्थानांतरित कर दिया गया था। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, मधुमणि, भतीजे रोहित चतुर्वेदी, प्रकाश पांडेय और शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फिर जुलाई 2012 में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी सीबीआई कोर्ट में सुनाई गई सजा को बरकरार रखा। हालाकि, अमरमणि और उसकी पत्नी मधुमणि करीब 20 साल सजा काटने के बाद 25 अगस्त 2023 को शासन के निर्देश पर समय से पहले ही जेल से रिहा किए जा चुके हैं।