लोकसभा चुनाव 2019: गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर लगीं सबकी निगाहें

Edited By Anil Kapoor,Updated: 11 May, 2019 03:36 PM

lok sabha elections 2019 all eyes on the seats of gorakhpur and phulpur

अब जबकि लोकसभा चुनाव के अंतिम 2 चरणों की जंग बाकी है सत्तापक्ष और विपक्ष के अपने-अपने दावों के बीच उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर सभी की निगाहें लगी हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर वर्ष 2014 में क्रमश: योगी आदित्यनाथ और....

लखनऊ: अब जबकि लोकसभा चुनाव के अंतिम 2 चरणों की जंग बाकी है सत्तापक्ष और विपक्ष के अपने-अपने दावों के बीच उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर सभी की निगाहें लगी हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर वर्ष 2014 में क्रमश: योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी, लेकिन योगी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने और मौर्य के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद इन दोनों सीटों से इस्तीफा देना पड़ा था।

इन दोनों के राज्य विधान परिषद का सदस्य बन जाने पर पिछले साल गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिनमें भाजपा को सपा-बसपा गठबंधन के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इससे पहले, योगी गोरखपुर सीट से 5 बार सांसद चुने जा चुके थे, लिहाजा इस सीट पर भाजपा की पराजय एक बड़ा झटका था। इसी तरह फूलपुर सीट पर भी भाजपा का खासा दबदबा था। फूलपुर में इस बार छठे चरण में 12 मई को जबकि गोरखपुर में सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होगा।

गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर भाजपा को हराकर औपचारिक गठजोड़ का एलान करने वाले सपा-बसपा आगे भी इन दोनों सीटों पर अपना कब्जा बनाए रखना चाहेंगे। वहीं, भाजपा इन सीटों को फिर से अपने खाते में दर्ज कराने की जीतोड़ कोशिश कर रही है। भाजपा के लिए यह राहत की बात हो सकती है कि गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले सपा उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद अब उसके पाले में आ गये हैं और वह पूर्वांचल की ही संत कबीर नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

गोरखपुर में इस बार मुख्य मुकाबला सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी राम भुआल निषाद, भाजपा प्रत्याशी रवीन्द्र श्याम नारायण शुक्ला उर्फ रवि किशन और कांग्रेस उम्मीदवार मधुसूदन त्रिपाठी के बीच माना जा रहा है। दूसरी ओर, फूलपुर में भाजपा की केशरी देवी पटेल, सपा के पंधारी यादव और कांग्रेस के पंकज पटेल मुख्य मुकाबले में हैं। इस बार गोरखपुर में 10 उम्मीदवार और फूलपुर में 14 प्रत्याशी मैदान में हैं। गोरखपुर में 19.54 लाख और फूलपुर में 19.75 लाख मतदाता हैं।

सपा के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर एक बार फिर गठबंधन प्रत्याशी की जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा सीटों के उपचुनाव में भाजपा को मिली शिकस्त ने प्रदेश में राजनीति का विमर्श ही बदल दिया है। इन सीटों पर जनता एक बार फिर महागठबंधन को ही वोट देगी, क्योंकि वह महापरिवर्तन का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

दूसरी ओर भाजपा प्रदेश मीडिया समन्वयक राकेश त्रिपाठी ने सपा के इन दावों को गलत बताते हुए कहा कि उपचुनाव में कम मतदान प्रतिशत की वजह से भाजपा की हार हुई थी। हालांकि पिछले एक साल के अंदर बड़ी संख्या में नए मतदाता भाजपा से जुड़े हैं। मुझे उम्मीद है कि गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर भाजपा फिर से कब्जा कर लेगी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 80 में से 71 सीटें जीती थीं। वहीं दो सीटें उसके सहयोगी अपना दल को मिली थीं। सपा को 5 तथा कांग्रेस को दो सीटें हासिल हुई थी।

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