Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 Jun, 2020 11:00 AM
मध्य प्रदेश के रास्ते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के झांसी में दोबारा घुस आए टिड्डी दल ने किसानों के लिए एक बार फिर बड़ी परेशानी खड़ी कर दी। बताया जा रहा है कि टिड्डी दल मध्य प्रदेश से वापस लौटते हुए जनपद में आ गया है...
झांसीः मध्य प्रदेश के रास्ते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के झांसी में दोबारा घुस आए टिड्डी दल ने किसानों के लिए एक बार फिर बड़ी परेशानी खड़ी कर दी। बताया जा रहा है कि टिड्डी दल मध्य प्रदेश से वापस लौटते हुए जनपद में आ गया है। इस टिड्डी दल ने मउरानीपुर, टहरौली व सदर तहसीलों के तमाम गांवों में कहर बरपाया।
मऊरानीपुर के रानीपुर से प्रवेश करते हुए टिड्डी दल सिजारी, लठेसरा, लहचूरा, धवाकर, भकौरा, बुखारा और भदरवारा आदि करीब दो दर्जन गांवों में सुबह से ही टिड्डी दल का आतंक देखा गया। वहीं दोपहर से पहले ही टहरौली तहसील के बड़वार, बृसिंगपुरा, राजापुर, टोढ़ फतेहरपुर, पण्डवाहा आदि समेत तमाम गांवों में टिड्डी दल ने कहर बरपाया। वहीं झांसी सदर तहसील में रक्सा थाना क्षेत्र के आस पास के गांवों समेत बड़ागांव विकासखण्ड के पारीछा व पालर गांव समेत आस पास के तमाम गांवों में टिड्डी दल का कहर जारी रहा।
लोगों ने ढोल, नगाड़े, बैंड, डीजे, शंख, थाली व ताली आदि बजाकर टिड्डी दल को किसी तरह अपने क्षेत्र से भगाने का प्रयास किया। यह हाल जिले की पांच तहसीलों में से अधिकांश का था। देश की सबसे बड़ी तहसील मऊरानीपुर में अचानक बिना बादलों के सूर्य की रोशनी धीमी हो गई। आसमान में बादल की तरह टिड्डी दल छाया हुआ था। किलोमीटरों लम्बा टिड्डी का दल जहां से भी गुजर रहा था लोग त्राहि-त्राहि कर रहे थे। हालांकि किसान हिम्मत जुटाते हुए उन्हें भगाने की भी पूरी कोशिश करते नजर आए।
तहसील प्रशासन ने आनन फानन में टिड्डियों को भगाने के लिए लेखपालों व तहसील प्रशासन के समस्त कर्मचारियों को लगाकर टिड्डी दल को डीजे, शोर गोल, थाली,ढोल नगाड़ों से भागने का कार्य शुरु कर दिया। किसानों ने भी टिड्डियों को भगाने के लिये खेतों पर धुंआ कर दिया। इससे टिड्डी दल वहां ज्यादा देर नहीं ठहर सका। किसानों ने बताया है कि जिस पेड़ या जिस फसल पर टिड्िडयां बैठ जाती हैं वह फसल पूरी तरह से नष्ट कर देती है। अब ऐसे में उन्हें टिड्िडयों से फसल बचाना मुश्किल नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास इसके अलावा कोई दवा नहीं है। हालांकि पहली बार टिड्डी दल के हमलावर होने पर जिला प्रशासन ने लाखों की संख्या में टिड्डियोंको मार गिराने का दावा किया था।