Edited By Pooja Gill,Updated: 07 Feb, 2025 08:30 AM
![livestock and milk development department will hold a meeting in mahakumbh](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_08_29_248702498unnamed-ll.jpg)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश का पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग 8 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ में एक अहम बैठक करेगा और इसमें प्रदेश में पशुधन, डेयरी उद्योग और गोशालाओं के विकास पर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश का पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग 8 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ में एक अहम बैठक करेगा और इसमें प्रदेश में पशुधन, डेयरी उद्योग और गोशालाओं के विकास पर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के मुताबिक, पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग आगामी आठ फरवरी को महाकुंभ नगर में एक बैठक करेगा। इस बैठक में डेयरी नीति 2022 में बदलाव, पशु अस्पतालों के 24 घंटे संचालन और दुग्ध संघों को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। इससे पहले, गत 22 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में राज्य मंत्रिमंडल की भी बैठक हुई थी।
पशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना है सरकार का लक्ष्य
बयान के अनुसार, सरकार का लक्ष्य पशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना, गोमूत्र के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देना और दुग्ध उत्पादन को दोगुना करना है। आठ फरवरी को महाकुंभ नगर में होने वाली बैठक में पारित किये जाने वाले प्रस्तावों को कैबिनेट में अंतिम मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।राज्य सरकार पशु स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में पशु अस्पतालों को 24 घंटे संचालित करने की योजना बना रही है और बैठक में इस पर भी मुहर लगने की संभावना है। फिलहाल, पशु एंबुलेंस सेवा सुबह से शाम तक ही उपलब्ध है लेकिन अब सरकार इसे रात्रिकालीन सेवा के साथ 24 घंटे सक्रिय रखने पर काम कर रही है। इसमें कहा गया कि हर पशु अस्पताल में रात के समय एक पशु चिकित्सक, एक पैरा मेडिकल स्टाफ और 1962 एंबुलेंस सेवा तैनात रहेगी, जिससे किसानों और पशुपालकों को रात में भी अपने पशुओं के इलाज की सुविधा मिलेगी।
डेयरी नीति 2022 में बदलाव पर भी सहमति बन सकती
बयान के अनुसार, प्रदेश सरकार गोमूत्र को औद्योगिक उपयोग में लाने की योजना पर कार्य कर रही है। इसके तहत राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और कॉरपोरेट कंपनियों के सहयोग से गोमूत्र की खरीद की जाएगी। विभाग ने कहा कि गोमूत्र से फिनाइल, कीटनाशक और जैविक खाद बनाने की योजना है, जिससे न केवल गौशालाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा, बल्कि जैविक उत्पादों को बढ़ावा भी मिलेगा। महाकुंभ क्षेत्र में आयोजित होने वाली विभाग की बैठक में डेयरी नीति 2022 में बदलाव पर भी सहमति बन सकती है।
यूपी को बनाया जाएगा देश का दुग्ध उत्पादन केंद्र
सरकार इसे नई औद्योगिक नीति और खाद्य प्रसंस्करण नीति के समतुल्य बनाने का निर्णय ले सकती है, ताकि डेयरी उद्योग को और अधिक बढ़ावा मिले। इसके तहत कन्नौज, गोरखपुर, कानपुर डेयरी संयंत्र और आंबेडकर नगर पशु आहार संयंत्र को 10 साल के पट्टे पर एनडीडीबी को सौंपने का निर्णय लिया जा सकता है, जिससे प्रदेश के दुग्ध संघों को मजबूती मिलेगी। बयान में कहा गया कि इसके अलावा, अगले पांच वर्षों में प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने के संकल्प के साथ सरकार आगे बढ़ेगी, जिससे उत्तर प्रदेश को देश का दुग्ध उत्पादन केंद्र बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।