मथुरा में लठमार होली की धूम, देश-विदेश से आए लाखों कला प्रेमी हुए भाव विभोर

Edited By Anil Kapoor,Updated: 16 Mar, 2019 11:28 AM

lathmar holi s dhoom in mathura lakhs of art lovers coming from abroad

राधारानी की क्रीड़ा स्थली बरसाने की लठमार होली के प्रेम, शौर्य एवं संगीत की ऐसी त्रिवेणी प्रवाहित हुई जिसे देख देश-विदेश से आए लाखों कला प्रेमी भाव विभोर हो गए। देश के विभिन्न हिस्सों से आए तीर्थयात्रियों के लिए गोपियों का लाठी चलाना एक अनूठा अनुभव...

मथुरा: राधारानी की क्रीड़ा स्थली बरसाने की लठमार होली के प्रेम, शौर्य एवं संगीत की ऐसी त्रिवेणी प्रवाहित हुई जिसे देख देश-विदेश से आए लाखों कला प्रेमी भाव विभोर हो गए। देश के विभिन्न हिस्सों से आए तीर्थयात्रियों के लिए गोपियों का लाठी चलाना एक अनूठा अनुभव था, क्योंकि होली रंग एवं प्रेम के त्योहार में लाठी चलाने की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्हें यह पता नहीं था कि यह प्रेम भरी लाठी थी जो हुरिहारों पर केवल इसलिए चलाई जा रही थी कि वे रंग डालकर गोपियों के नए वस्त्र खराब ना करें। गोपियां प्रेम पगी लाठी का वार केवल ढाल पर कर रही थीं तथा इस बात का उन्हें पूरा ध्यान था कि कहीं किसी हुरिहारों को चोट न लगे।

PunjabKesariवैसे विदेशी पर्यटक उस समय आश्चर्यचकित थे जब एक हुरिहार पर दो या तीन गोपियां लाठी से प्रहार कर रही थीं और वह फुदक फुदक कर उनके वार को बराबर बर्दास्त कर रहा था। इसी बीच रसिया के स्वर गूंज उठे फाग खेलन बरसाने आए हैं नटवर नन्द किशोर, एक ओर प्रेम पगी लाठियां चल रही थीं तो दूसरी ओर होली के रसिया गूंज रहे थे ,आज बिरज में होरी रे रसिया। होरी रे रसिया बरजोरी रे रसिया,आज बिरज में होरी रे रसिया। इसी वातावरण में कुछ गोप और कुछ गोपियां रह रहकर नृत्य कर उठती थीं जिससे वातावरण मस्ती से भर जाता था।

PunjabKesariआसपास की छतों से उड़ता सतरंगी गुलाल, टेसू के फूलों का रंग, बम्ब पर रसिया गायन ऐसा दृश्य उपस्थित कर रहा था जैसा तीन लोक में भी नही देखने को मिलेगा इसीलिए हुरिहार गा रहे थे। ऐसो रंग बरसे बरसाने जेसो तीन लोक में नायरा। सुबह नन्दगांव से हुरिहार झंडी के साथ जब बरसाने को रवाना हुए तो वातावरण मस्ती से भरा हुआ था। वे गा रहे थे होरी खेलो तो चलो बरसाने जहां हो रही रंगीली होरी। बरसाने में उनके पहुंचने पर पीली पोखर पर बरसानेवासियों ने उनका स्वागत ठंडाई भाग आदि से किया ,तो सभी हुरिहारों ने अपनी ढ़ाल ठीक की और फिर रसिया गाते लाड़ली जी मंदिर पहुंचे जहां एक घंटे तक समाज गायन हुआ।

PunjabKesariइसके बाद वहीं से रंग की होली शुरू हो गई। हुरिहार रंगीली गली के लिए रवाना हुए तो रास्ते में खड़ी गोपियों से हंसी ठिठोली करते जा रहे थे। बीच बीच में गोपियां उन्हें लाठियों से कोंच रही थीं। उनके रंगीली गली में पहुंचने पर लठामार होली शुरू हुई जो सूर्यास्त होते ही नन्द के लाला की जय से समाप्त हुई। लाडली मंदिर बरसाना के रिसीवर कृष्ण मुरारी गोस्वामी ने बताया कि गुरूवार को दस कुंतल लड्डू का प्रसाद राधारानी को लगाया गया और फिर उसकी जगमोहन से एक प्रकार से बरसात सी हुई जिसे श्रद्धालुओं ने लूट लूटकर खाया और एक दूसरे पर प्रहार भी किया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!