Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Apr, 2018 10:27 AM
देश में महागठबंधन को लेकर चल रही कवायद का असर कर्नाटक विधानसभा चुनाव में नजर आने वाला है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कर्नाटक में 12 मई को होने वाले मतदान से पहले चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार करने का निर्णय लिया है।
लखनऊ: देश में महागठबंधन को लेकर चल रही कवायद का असर कर्नाटक विधानसभा चुनाव में नजर आने वाला है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कर्नाटक में 12 मई को होने वाले मतदान से पहले चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार करने का निर्णय लिया है। इस प्रचार में अखिलेश यादव, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव भी मंच पर नजर आएंगे।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 के आम चुनावों में मोदी लहर के बीच बसपा का सफाया हो गया था, तो समाजवादी पार्टी (सपा) भी परिवार तक सिमट गई थी। विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे भी दोनों ही दलों के लिए निराशाजनक रहे, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर लोकसभा सीट और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के इस्तीफा देने से खाली हुई फूलपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में सपा-बसपा गठबंधन को मिली सफलता ने भाजपा को उसके गढ़ में जोर का झटका दिया। विपक्षियों के लिए इस जीत ने टॉनिक का काम किया है।
सपाइयों-बसपाइयों ने ले लिया है एक-दूसरे की बैसाखी बनने का फैसला
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सपा का खासा वर्चस्व रहा है। उप चुनावों से खुद को दूर रखने का बसपाई फार्मूला भी सपा के पक्ष में था लेकिन अब इन दलों ने दूसरे राज्यों में भी एक-दूसरे की बैसाखी बनने का फैसला ले लिया है। सपा के मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस का प्रचार करने के लिए कर्नाटक जाने की योजना बना चुके हैं। इस दौरान वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के साथ मंच सांझा करेंगे।
योगी की तोड़ देने और ठोक देने जैसी भाषा से लांछित हुआ लोकतंत्र
अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम योगी की तोड़ देने और ठोक देने जैसी भाषा से लोकतंत्र लांछित हुआ है। यही वजह है कि अब सभी विपक्षी दल एक साथ आने की रणनीति बना रहे हैं। यूपी के उपचुनाव के बाद अब सपा कर्नाटक में कांग्रेस की पार्टनर की भूमिका में नजर आएगी। अखिलेश यादव कांग्रेस के लिए वोट मांगते नजर आएंगे।