Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 02:12 PM
सुशासन और अनुशासन का दावा करने वाली यूपी पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ी है। धाराओं का खेल कर रुपए ऐठने के आरोप तो पुलिस पर लगते ही रहते है, लेकिन इस बार ये आरोप साबित भी हुए है....
मेरठः सुशासन और अनुशासन का दावा करने वाली यूपी पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ी है। धाराओं का खेल कर रुपए ऐठने के आरोप तो पुलिस पर लगते ही रहते है, लेकिन इस बार ये आरोप साबित भी हुए है। मेरठ पुलिस ने जिसपर कार्रवाई करते हुए दोषी सब इंस्पेक्टर और उसके साथियो पर मामला दर्ज कर लिया है।
कुछ दिन पहले हुआ था विवाद
दरअसल थाना खरखौदा के कूड़ी गांव में 6 अगस्त को जंगल से एनएच 235 के निर्माण के लिए एक कंपनी के अधिकारी मिट्टी उठवाने पहुंचे थे, वहां उनका गांव के 4 लोगों से विवाद हो गया था। जिसपर कंपनी अधिकारियों ने थाना खरखौदा के एसएसआई रवि सहगल से शिकायत की थी।
इंस्पेक्टर ने झूठे केस में 4 को किया अंदर
वहीं रवि सहगल ने इस मामले में चारों के परिजनों को गंभीर धाराओं में जेल भेजने की बात कहकर डरा दिया। इतनी ही नहीं हल्की धारा में जेल भेजने के नाम पर 22 हज़ार रुपए घूस ले ली। चारों का 151 में चालान कर दिया जिससे उनको एसडीएम कोर्ट से जमानत मिल गई।
पीड़िताओं ने कमिश्नर से लगाई गुहार, मामला दर्ज
बता दें इन चारों में से कोई एक किसी अफसर का ड्राइवर था, जिसने जमानत के बाद कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार से एसएसआई की शिकायत की। जिसके बाद कमिश्नर ने एसएसपी को जांच के आदेश दिए। आरोप सही पाए जाने पर उन्होंने आरोपियों का गलत तरीके से दाखिला करने वाले हेड कांस्टेबल रिसाल सिंह को सस्पेंड कर दिया।घूस लेने वाले एसएसआइ रवि सहगल के खिलाफ 7/8 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आइपीसी की धारा 389 (अभियोग लगाने का भय दिखाकर पैसे मांगने के मामले में) खरखौदा थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया। जिसके बाद से ही एसएसआई फरार है।
इंस्पेक्टर फरार, एसएसपी ने लोगों को दी ये हिदायत
वहीं एसएसपी मंजिल सैनी ने इस प्रकरण के बाद लोगों से अपील की है कि घूस लेने वालों को कतई नहीं बख्सा जाएगा। कोई इस तरह से कर रहा है तो सीधे उनसे शिकायत करें। शिकायत किसी थाने में पूछताछ के नाम पर या किसी अन्य मामले में अनावश्यक रूप से पूछताछ के लिए लाकर छोड़ने, धाराएं कम करने या समझौता कराने के नाम पर पैसे की मांग की जाती है तो सीधे शिकायत करें।
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