Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Dec, 2020 11:50 AM
लखनऊ की एक विशेष अदालत ने निलंबित पुलिस उपमहानिरीक्षक अरविंद सेन को रिश्वत मामले में बृहस्पतिवार को भगोड़ा घोषित कर दिया। भ्रष्टाचार निरोधक विशेष अदालत के न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने निलंबित पुलिस उपमहानिरीक्षक अरविंद सेन और इसी मामले के एक अन्य...
लखनऊ: लखनऊ की एक विशेष अदालत ने निलंबित पुलिस उपमहानिरीक्षक अरविंद सेन को रिश्वत मामले में बृहस्पतिवार को भगोड़ा घोषित कर दिया। भ्रष्टाचार निरोधक विशेष अदालत के न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने निलंबित पुलिस उपमहानिरीक्षक अरविंद सेन और इसी मामले के एक अन्य अभियुक्त अमित मिश्रा को भगोड़ा घोषित किया। अदालत ने यह आदेश गोमती नगर की अपर पुलिस आयुक्त और मामले की विवेचना अधिकारी श्वेता श्रीवास्तव द्वारा दाखिल की गई दो अलग-अलग अर्जियों पर पारित किए हैं।
अदालत ने मामले के एक अन्य अभियुक्त कॉन्स्टेबल दिलबहार यादव की आवाज के नमूने लेने की भी इजाजत दे दी है। कारोबारी एमएस भाटिया ने ठेका दिलाने के नाम पर नौ करोड़ 72 लाख रुपए की ठगी किए जाने के मामले में गत 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। प्रकरण की जांच के दौरान पुलिस उपमहानिरीक्षक अरविंद सेन का नाम सामने आया। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पशुधन विभाग में अवैध तरीके से निविदा का आवंटन कराया। मुकदमे में 12 नामजद तथा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर कारोबारी एमएस भाटिया से नौ करोड़ 72 लाख रुपये ठग लिए बाद में पुलिस अधिकारियों की मदद से उसे प्रताड़ित किया गया तथा धमकाया गया।
इस मामले में संलिप्तता सामने आने के बाद राज्य सरकार ने गत 22 अगस्त को सेन को निलंबित कर दिया था और मुकदमे में अभियुक्त के तौर पर उनका नाम जोड़ा गया था। शिकायतकर्ता कारोबारी ने अपने बयान में सेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसे वर्ष 2019 में सीबीसीआईडी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनाती के दौरान विभूति खंड स्थित अपने कार्यालय बुलाकर धमकाया था।