Edited By Ajay kumar,Updated: 17 Mar, 2020 10:43 AM
उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को अब राज्य कर्मचारियों की तरह सरकार पेंशन देने और मृतक लाभ देने जा रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को अब राज्य कर्मचारियों की तरह सरकार पेंशन देने और मृतक लाभ देने जा रही है। इसका फायदा प्रदेश के लगभग 1.60 शिक्षामित्रों और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत लगभग 30 हजार अनुदेशकों को इसका लाभ मिलेगा। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, लखनऊ ने 28 फरवरी को सरकार को आदेश दिया है कि संविदा कर्मचारी के रूप में कार्यरत सभी शिक्षामित्र व अनुदेशक कर्मचारी भविष्य निधि पाने के हकदार हैं। सभी को एक अप्रैल 2015 से भविष्य निधि के बकाए अंशदान का भुगतान करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम के प्रदत्त संवैधानिक अधिकार प्रदान किए जाएं।
बता दें कि शिक्षामित्रों ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद को 12 मार्च को ज्ञापन देकर कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1952 के प्रावधानों को लागू करने और उनकी पीएफ कटौती शुरू करने का अनुरोध किया है। कटौती होने पर शिक्षामित्रों के न रहने पर उनके परिजन न्यूनतम पेंशन के हकदार होंगे और 4 से 6 लाख का क्लेम भी मिलेगा।
ग़ौरतलब है कि प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह ने कहा कि समायोजन रद्द होने के बाद से सैकड़ों शिक्षामित्रों की मौत परिवारिक चिंता, बीमारी व अवसाद से हो चुकी है। शिक्षामित्रों के परिवारों की स्थिति दयनीय होती जा रही है। पीएफ कटौती से उन्हें सामाजिक सुरक्षा मिल सकेगी। जिससे उनके परिजन को भविष्य में चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। जब कि पहले इसका लाभ नहीं मिलता था।